भीमबाँध वन्य अभयारण्य
भीमबाँध वन्य अभयारण्य | |
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Bhimbandh Wildlife Sanctuary | |
अवस्थिति | मुंगेर ज़िला, बिहार, भारत |
निर्देशांक | 25°04′26″N 86°26′20″E / 25.074°N 86.439°Eनिर्देशांक: 25°04′26″N 86°26′20″E / 25.074°N 86.439°E |
क्षेत्रफल | 681.99 किमी2 |
स्थापित | 1976 |
प्रशासक | राज्य वन विभाग |
भीमबाँध वन्य अभयारण्य (Bhimbandh Wildlife Sanctuary) भारत के बिहार राज्य के मुंगेर ज़िले में स्थित एक वन्य अभयारण्य है। यहाँ छोटे नागपुर पठार की वन से ढकी पहाड़ियाँ हैं। मान्यता है कि महाभारत-काल में भीम ने यहाँ एक बाँध बनाया था और उसी से इस स्थान का नाम उत्पन्न हुआ है। इस अभयारण्य में व्याघ्र, तेंदुआ, भालु, लंगूर, इत्यादि पाए जाते हैं।[1][2]
परिचय
[संपादित करें]भीमबांध एक सुंदर पर्यटक स्थल है। घने जंगलों के बीच स्थित भीमबांध में सुंदर मनोहर पहाड़ियां, मन को मोह लेने वाली प्राकृकित वादियां हैं। यह बिहार के मुंगेर से जमुई जाने वाली मुख्य सड़क से करीब 10 किलोमीटर जंगलों के अंदर स्थित है। भीमबांध में गर्म और ठंडे जल के दो प्राकृतिक स्रोत हैं। ठंड के मौसम में देश-विदेश से भीमबांध में हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने और छुट्टियां मनाने आते हैं। ठंड के मौसम में थोड़ी-थोड़ी धूप के बीच गुनगुने पानी में स्नान करने का आनंद ही अनोखा हो जाता है। जाड़े के दिनों में यहां हर उम्र के लोग घूमने आते हैं।
ठंड और गर्म जल का स्रोत कुछ दूरी पर मिल जाता है। इसी गुनगुने पानी में पर्यटक नहाते हैं। पर्यटक अपने साथ भोजन को पकाने का साधन और खाने-पीने के सामान साथ लाते हैं। कुछ पर्यटक पत्थर का चूल्हा बनाकर जगंलों की टूटी हुई लकड़ियों से आग जलाते हैं, और इसी आग में कुदरती रूप से भोजन बनाते और खाते हैं। भीमबांध के आस-पास और घूमने के और भी प्राकृतिक स्थल हैं। भीमबांध में प्रवेश करने से पहले वन विभाग की इजाजत ली जाती है। वन विभाग द्वारा पर्यटकों को जंगल में बहुत अंदर जाने या अकेले घूमने से मना किया जाता है। भीमबांध में पर्यटक सुबह से शाम तक ही ठहर सकते हैं क्योंकि यहां अनेक जंगली जानवर भी पाए जाते हैं। जंगली जानवरों के मिलने के कारण वन और पर्यावरण विभाग द्वारा भीमबांध को अभ्यारण्य का दर्जा भी दिया गया है। भीमबांध में अनेक प्रकार की कीमती जड़ी-बूटियां और लकड़ियां भी मिलती हैं।
भीमबांध से जुड़ा इतिहास
[संपादित करें]किवदंती है कि महाराभत काल में जब पांडव अज्ञातवास पर थे तब उस दौरान इस जंगल में भी आए थे। अपनी जीविका के लिए भीम ने दो स्रोतों को मिलाने के लिए बांध का निर्माण किया था। इसी कारण इस स्थान का नाम भीमबांध पड़ा।
आवागमन
[संपादित करें]- हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को पटना से भीमबांध जा सकते हैं।
- पटना से बरियापुर रेलवे स्टेशन (मुंगेर) या जमुई रेलवे स्टेशन जाने के लिए अनेक ट्रेन मिल जाती हैं। यहां से आप गाड़ी लेकर भीमबांध जा सकते हैं।
- गाड़ी से यात्रा करने वाले यात्री सीधे भीमबांध पहुंच सकते है। भीमबांध बिहार राज्य के मुंगेर और जमुई जिले की सीमा पर स्थित है। इसलिए आप यहां दो मार्ग से पहुंच सकते हैं। आप मुंगेर के रास्ते बरियारपुर और खड़गपुर होते हुए भीमबांध जा सकते हैं या जमुई जिले से लक्ष्मीपुर के रास्ते भीमबांध पहुंच सकते हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- मुंगेर ज़िलायहां पर CRPF COBRA सदा आपकी सेवा में समर्पित है
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810