भीखा साहब

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

भीखा साहब (भीखानंद चौबे) बावरी पंथ की भुरकुड़ा, गाजीपुर शाखा के संत गुलाल साहब के शिष्य थे। इनका जन्म आजमगढ़ जिले के खानपुर बोहना गाँव में हुआ था। सन् 1760 में गुलाल साहब की मृत्यु के बाद भीखा भुरकुड़ा गद्दी के महंत हुए। इनके दो प्रमुख शिष्य हुए - गोबिन्द साहब और चतुर्भुजदास। गोबिन्द साहब ने फैजाबाद में अपनी अलग गद्दी स्थापित की। चतुर्भुजदास भुरकुड़ा में ही रहे।[1]

प्रमुख कृतियाँ[संपादित करें]

  • राम कुंडलिया
  • राम सहस्त्रनाम
  • राम सबद
  • रामराग
  • राम कवित्त
  • भगत वच्छावली

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. रामचंद्र, तिवारी (1963). हिंदी साहित्य कोश - 2 (2017 संस्करण). वाराणसी: ज्ञानमंडल लिमिटेड. पृ॰ 411-412.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]