भिलाई इस्पात संयंत्र
कंपनी प्रकार | भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की ईकाई |
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कारोबारी रूप | NSE: SAIL |
उद्योग | धातुकार्मिक प्रक्रम द्वारा |
स्थापित | 1955 |
मुख्यालय | भिलाई, छत्तीसगढ़, भारत |
उत्पाद | रेल, प्लेट, संरचनाकारी |
मूल कंपनी | स्टील अथारटी ऑफ इंडिया |
वेबसाइट | www |
भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant (BSP)) भारत के छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित इस्पात कारखाना है। यह भारत का पहला इस्पात उत्पादक संयंत्र है तथा मुख्यतः रेलों का उत्पादन करता है।
इस संयंत्र की स्थापना सोवियत संघ की सहायता से १९५५ में हुई थी।[1]
इस कारखाने की स्थापना दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-61)के अंतर्गत की गई थी।
दस बार देश का सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात कारखाने के लिए प्रधानमंत्री ट्रॉफी प्राप्त यह कारखाना राष्ट्र में रेल की पटरियों और भारी इस्पात प्लेटों का एकमात्र निर्माता तथा संरचनाओं का प्रमुख उत्पादक है। देश में 260 मीटर की रेल की सबसे लम्बी पटरियों के एकमात्र सप्लायर, इस कारखाने की वार्षिक उत्पादन क्षमता 31 लाख 53 हजार टन विक्रेय इस्पात की है। यह कारखाना वायर रॉड तथा मर्चेन्ट उत्पाद जैसे विशेष सामान भी तैयार कर रहा है। भिलाई इस्पात कारखाना आईएसओ 9001:2000 गुणवत्ता प्रबन्धन प्रणाली से पंजीकृत है। अतः इसके सभी विक्रेय इस्पात आईएसओ की परिधि में आते हैं।
भिलाई के कारखाने, इसकी बस्ती और डल्ली खानों को पर्यावरण प्रबन्धन प्रणाली से सम्बन्धित आईएसओ 14001 भी प्राप्त है। यह देश का ऐसा एकमात्र इस्पात कारखाना है जिसे इन सभी क्षेत्रों में प्रमाणपत्र मिला है। कारखाने को सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने के लिए एसए: 8000 प्रमाणपत्र और व्यावसायिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के लिए ओएचएसएएस-18001प्रमाणपत्र भी प्राप्त है। इन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रमाणपत्रों के कारण भिलाई के उत्पादों का महत्व और भी बढ़ जाता है तथा इस्पात उद्योग में इसकी गणना सर्वश्रेष्ठ संगठनों में की जाती है। भिलाई को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है तथा इसे लगातार तीन वर्ष सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
सामाजिक कार्य
[संपादित करें]भिलाई स्पात संयत्र स्पात उत्पादन के अलावा कई साड़ी सामाजिक गतिविधिया भी करता है | भिलाई स्पात संयत्र कई वर्षो से वृक्षारोपण कार्यक्रम चला रहा है | जिसमे खदानों के आसपास के क्षेत्रो में पेड़ पौधे लगये जा रहे है | इसके अलावा भिलाई स्पात संयत्र द्वारा दुर्ग में मैत्री बाग़ का निर्माण किया गया है जो यहाँ के पर्यटन को बढावा देते है | भिलाई स्पात संयत्र में नगर प्रशासन विभाग भी है जो सफाई , रखरखाव , सडको के स्तरित लाईट का ध्यान रखती है |
रेल की पटरिया
[संपादित करें]भिलाई स्पात संयत्र देश का सबसे बड़ा और विश्व का प्रमुख रेल पटरी का उत्पादक है | भिलाई स्पात संयत्र को रेल की परतिया बनाने में 65 सालो का अनुभव है | 1 करोड 50 लाख टन से अधिक पटरियों का निर्माण यहाँ पर किया जाता है | अब तक 27 लाख किलोमीटर तक के लिए पटरियों का निर्माण किया जा चुका है | भारत के सबसे बड़ी रेल भिलाई स्पात संयत्र में बनी पटरियों पर ही चलती है | दक्षिण कोरिया , न्यूज़ीलैंड , अर्जेंटीना , तुर्की , ईरान , मिस्र , घाना , बांग्लादेश और मलेशिया सहित दस देशो में ये इन सामाग्रियो का निर्यात करता है |
पुरस्कार
[संपादित करें]- लगातार 3 वर्षो तक CII-ICT सस्टेनेब्लिटी पुरस्कार
- देश में सर्वश्रेष्ट एकीकृत स्पात संयत्र के लिए प्रधान मंत्री ट्रोफी के 11 बार विजेता
- HR उत्कृष्टता गोल्डन पीकोक पुरस्कार
- ग्रीनटेक पर्यावरण त्कृष्टता प्लेटिनम पुरस्कार
- ग्रीनटेक सेफ्टी गोल्ड अवार्ड
उत्पादन
[संपादित करें]उत्पाद | टन प्रति वर्ष |
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Semis | 533,000 |
रेल और भारी संरचनात्मक | 750,000 |
ऐंगिल, चैनेल, Rrund & TMT छड़ें) | 500,000 |
वायर रॉड (TMT, plain & ribbed) | 420,000 |
प्लेट (3600 मिमी. तक चौड़े) | 950,000 |
विक्रय योग्य कुल ईस्पात | 3,153,000[2] |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "The Bhilai Steel Plant". Field to Factory: Film and ethnography of industrialisation in Chhattisgarah, Central India. Jandarshan and LSE. मूल से 23 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 June 2012.
- ↑ "Bhilai Steel Plant | District DURG, Government of Chhattisgarh | India".