भिंड ज़िला

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भिंड ज़िला
Bhind district
मानचित्र जिसमें भिंड ज़िला Bhind district हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : भिंड
क्षेत्रफल : 4,459 किमी²
जनसंख्या(2011):
 • घनत्व :
17,03,564
 380/किमी²
उपविभागों के नाम: तहसीलें
उपविभागों की संख्या: 9 (भिंड,गोहद,मौ,रौन, लहार,मेहगांव,गोरमी,अटेर,मिहोना)
मुख्य भाषा(एँ): हिन्दी


भिंड ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय भिंड है।[1][2]

विवरण[संपादित करें]

भिण्ड के गाँव के लोगो के रोज़गार का साधन कृषि है। आज़ादी के बाद से यहाँ के लोगों को एक नई पहचान मिली वो देश की सेवा में संलग्न हो गए, ओर तभी यहाँ के लोग भारतीय सेना में हैं।

प्रमुbiswari dham hanuman mandir[संपादित करें]

ख तथ्य[संपादित करें]

  • गौरी सरोवर के किनारे एक प्राचीन गणेश मन्दिर स्थित है।
  • भिण्ड का सबसे बड़ा गाँव अमायन है।
  • दंदरौआ मंदिर यहाँ का एक प्राचीन मंदिर है। वहाँ पर प्रतिष्ठित हनुमान जी की मूर्ति डॉ हनुमान के नाम से प्रसिद्ध है,यह मंदिर भिंड जिले की मौ तहसील में आता है।
  • वनखंडेश्वर मन्दिर पृथ्वीराज चौहान द्वारा निर्मित एक शिवालय है। जो कि गौरी सरोवर के निकट है।
  • भिंड चम्बल नदी के बीहड़ के लिए भी प्रसिद्ध है, जहाँ कुछ समय पहले तक डाकुओं का राज़ रहा।
  • ऐसा माना जाता है ,भिण्ड का नाम महान भिन्डी ऋषि के नाम पर रखा गया है।इसके नाम पर भदावर राजाओं के के नाम और है
  • भारत के सर्वाधिक साक्षर जिलों में से एक भिण्ड मंत्रमुग्ध कर देने वाली वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है।
  • भिंड जिले से करीब 30,000 सैनिक देश की सुरक्षा में तत्पर है
  • मध्यप्रदेश में सबसे कम वर्षा भिंड जिले की
  • मौ तहसील में होती है।
  • गोहद में एक प्रसिद्ध छैकुर वाले हनुमान जी का मंदिर है मालनपुर यहाँ का औद्योगिक क्षेत्र है, जो कि गोहद तहसील में ही पड़ता है। जिसे सूखा पॉर्ट भी कहा जाता है।
  • भिंड जिले की मौ तहसील सबसे छोटी तहसील है।
  • गोहद तहसील स्थित गोहद का किला बहुत ही प्राचीन स्थल है।
  • भिंड जिला भोपाल इंदौर जबलपुर के बाद सर्वाधिक पुरूष साक्षर जिला है।

प्रमुख स्थल[संपादित करें]

  • वनखण्डेश्वर मन्दिर भिंड * आजी माता शक्तिपीठ सड़ा * काक्सी सरकार हनुमान मन्दिर * रावतपुरा सरकार हनुमान मन्दिर * मां मंगला देवी लहार
  • त्रयम्बकेश्वर महादेव मंदिर भिंड
  • बटेश्वर महादेव मंदिर
  • भिंडी ऋषि का मंदिर भिंड
  • माँ रेणुका मंदिर जमदारा(मौ)
  • गहियर धाम देबगढ
  • डिडी हनुमान जी मंदिर
  • गौरी सरोवर पार्क भिंड
  • नरसिंह भगवान मन्दिर सायना(मेहगांव)
  • भिण्ड का किला(भदौरिया राजाओं का)
  • अटेर का किला(भदौरिया राजाओं की राजधानी)
  • श्री नरसिंह भगवान मंदिर मौ
  • दंदरौआ मंदिर मौ
  • जागा सरकार हनुमान मंदिर लौहरपुरा(मौ)
  • जामना वाले हनुमानजी
  • पावई वाली शारदा माता
  • श्री सीताराम बाबा रतवा(मौ)
  • श्री मस्तराम बाबा रसनोल(मौ)
  • कचनाव खुर्द(गोरमी से 9 कि.मी.दूर उत्तर दिशा) में प्राचीन शिव मंदिर जिसे काई बाले शंकर जी के नाम से जाना जाता है ।
  • भिंड में शिव के मंदिरों की श्रृंखला में 100 से अधिक मंदिर है जो अपने आप में एक धाम है साथ ही इन मंदिरों की अपनी-अपनी महत्ता है और गौरी सरोवर की नौका विहार अत्यंत मनोरम है यहाँ राष्ट्रीय नौका प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
  • भिण्ड जिला मुख्यालय से लगभग 30 या 35 किलोमीटर दूर स्थित सिंध नदी के किनारे ग्राम बहादुर पुरा भगेली के पास माता ~ "कालिका" ~ का भव्य एवं विशाल मन्दिर स्थित है। जो कि रौन तहसील में पड़ता है।यहां देश के हर कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं जिनकी अर्जी मां के द्वारा पूरी की जाती है । यहां वर्ष के अगहन व माघ मास के प्रत्येक शनिवार को लाखों की संख्या में विशाल मेला लगता है । मैया का मन्दिर,आसपास का परिसर ,बगल में बह रही सिंध नदी माता की शोभा को और अधिक मनोरम बनाते हैं। वास्तव में यह मंदिर एक अद्भुत मन्दिर है यहां भक्तों को एक बार अवश्य माता के दर्शन करना चाहिए।

ज़िले की तहसीलें[संपादित करें]

ज़िले के गाँव[संपादित करें]

ज़िले के कुछ प्रमुख ग्राम: सरसई, कनावर, ग्राम मानहड़, ग्राम देहगांव , गुहिसर, दंदरौआ, नेनोली, पड़राई का पुरा (सतपाल),, जरपुरा,, मुस्तरा,, मेघपुरा,, सेंपुरा,, असोखर,, पीपरी, हीरापुरा, रमपुरा, सोनपुरा, रावतपुरा, रजगढ़िया, कृपेकापुरा, कल्याणपुरा, हसनपुरा, मोहनपुरा, राऊपुरा, आलमपुरा, रजपुरा, कुरथरा, भुजपुरा, उदोतपुरा, बुलाखी का पुरा।, परा, सुखवासी का पूरा, रिदौली, रमटा, प्रताप, पुरा, विंडवा, जवासा, मड़ैया, गडू़पुरा, पुलावली, मुरलीपुरा, मेहदोली, जगन्नाथपुरा, बिहारीपुरा, कल्यानपुरा, ऊमरी, अकोड़ा, देवगढ, किटी, मौतीपुरा, रुर, गैवत, मिरचौली, दीनपुरा, जवाहरपुरा, डिडी, कमई, मधुपुरा, पांडरी, सगरा, नयागांव, टेहनगुर, गहेली, अमायन, कनाथर, इटायली(मौ) बिलाव, बिलाव का पुरा । यहां गोहद क्षेत्र का जटवारा इलाका फेमस है।

मानहड ग्राम देश का भदौरियो का सबसे बड़ा गांव है। कुछेक गांव भिंड नगर पालिका में आ गये है साथ ही अटेर के आस पास के गांव बीहड़ क्षेत्र में आते है। मेहगांव तहसील के गाँवों की भूमि का स्तर सीधा है, और भूमि अधिक उपजाऊ है ।

मौ एक दबंगों का गांव रहा है और भिंड जिले मैं यादवों की सर्वाधिक आबादी यही है जो आरंभ से ही यादवों के दबंगई के लिए प्रसिद्ध है, कहा जाता है यहां के राजा सहस्त्रबाहु हुआ करते थे जिनकी सहस्त्रों भुजाए थी और ये इतने बलशाली थे की रावण को भी इन्होंने बांध लिया था,हालांकि यह का घड़ी पर बना किला भगवान परशुराम ने पलट दिया था,, साक्ष्य आज भी खुदाई मैं निकलते है बबेड़ी पंचायत में सरबाधिक कुशवाह समाज बाला गांव नदरौली है जिस्मे सिर्फ बघेल और कुशवाह ही निवास करते है इस गांव से सट्टा हुआ गांव अकोड़ा है उसमें भी कुशवाह ही निवास करते हैं अकोड़ा गांव में सबसे ज्यादा आबादी यादवों की है

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]