भाषाई अल्पसंख्यक

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भाषाई अल्पसंख्यक- भाषाई अल्पसंख्यक लोगो का वह समूह है जिनकी मातृभाषा उस राज्य की मुख्य या प्रमुख भाषा से भिन्न हो।किसी भी समूह को भाषाई अल्पसंख्यक घोषित करने का अधिकार राज्य को है।भाषाई अल्पसंख्यक का दर्जा राज्य उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु देता है जो उस राज्य के संविधान द्वारा अपेक्षित होती है। अलग -अलग देशों में भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकार एवं सुरक्षा के लिए संस्था/इकाई/अधिकारी की व्यवस्था होती है।भारतीय संदर्भ - भारत मे भाषाई अल्पसंख्यकों के विकास के लिए संविधान द्वारा विशेष अधिकारी नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। भारतीय संविधान द्वारा 1957 में विशेष अधिकारी हेतु कार्यालय की स्थापना की गई जिसे आयुक्त नाम दिया गया,आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। आयुक्त का कार्य एवं उद्देश्य भाषाई अल्पसंख्यकों के सुरक्षा एवं विकास संबंधी कार्यो का अनुसंधान एवं इन कार्यो का राष्ट्रपति को प्रतिवेदन देना है। उसका लक्ष्य भाषायी अल्पसंख्यको को समाज के साथ समान अवसर प्रदान कर राष्ट्र की गतिशीलता में उनकी सहभागिता पुष्ट करना है। संवैधानिक उपबंध- भारतीय संविधान का भाग 17,अनुछेद 350-क जोड़ा गया है।