भारत में स्मार्ट नगर

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भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है जिन्होंने देश के 100 नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। सरकार ने 27 अगस्त 2015 को 98 प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी।[1]

योजना[संपादित करें]

सरकार की योजना के अनुसार 20 नगर वर्ष 2015 में ,40 नगर 2016 में और 40 नगर 2017 में स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने की योजना प्रस्तावित है।दिनांक 28 जनवरी 2016 को भारत सरकार ने 20 स्मार्ट सिटी घोषित किये [2]

वित्त[संपादित करें]

केंद्रीय बजट में वर्ष 2014 में 7,060 करोड़ रुपये का प्रस्ताव। केंद्र सरकार की इस योजना में 5 वर्ष में कुल 48,000 करोड़ का निवेश करने की योजना है और इतना ही धन सम्बंधित राज्य सरकारें अपने -अपने राज्य में चयनित नगरों के विकास में खर्च करेंगी। अर्थात केंद्र और राज्य सरकारें इस योजना में सामान धन निवेश करेंगी। इस वर्ष 2015 में चयनित स्मार्ट नगरों के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये और अगले चार वर्षों तक प्रत्येक वर्ष 100 करोड़ रुपये प्रत्येक नगर को आवंटित होंगे।

स्मार्ट सिटी के बुनियादी सिद्धांत[संपादित करें]

क्वालिटी ऑफ लाइफ[संपादित करें]

  • किफायती घर
  • हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • पानी और बिजली चौबीसों घंटे
  • शिक्षा के विकल्प
  • सुरक्षा
  • मनोरंजन और स्पोर्ट्स के साधन
  • आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी
  • अच्छे स्कूल और अस्पताल

निवेश ( इन्वेस्टमेंट)[संपादित करें]

  • मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधन के मुताबिक पूरा निवेश
  • बड़ी कंपनियों को वहां अपनी उद्योग लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले।
  • टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।

रोजगार[संपादित करें]

  • स्मार्ट नगर में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके।
  • स्मार्ट नगर के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।

स्मार्ट नगर के मानक[संपादित करें]

ट्रान्सपोर्ट[संपादित करें]

  • स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
  • कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ।
  • रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा।

आवास[संपादित करें]

  • 95 फीसदी आवासीय इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और मनोरंजन पार्क मौजूद हों।
  • 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
  • कम से कम 30 फीसदी आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्र बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।

बिजली और पानी[संपादित करें]

  • स्मार्ट सिटी में 24x7 पानी और बिजली सप्लाई हो।
  • 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
  • लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
  • प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।

शिक्षा[संपादित करें]

  • 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
  • हर 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
  • सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
  • 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हाे।

स्वास्थ्य[संपादित करें]

  • स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
  • हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
  • एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
  • हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।

वाईफाई कनेक्टिविटी[संपादित करें]

  • 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
  • 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।

राज्यानुसार प्रस्तावित स्मार्ट नगर[संपादित करें]

उत्तर प्रदेश
तमिलनाडू
महाराष्ट्र
मध्य प्रदेश
गुजरात
कर्नाटक
पश्चिम बंगाल
राजस्थान
बिहार
आंध्र प्रदेश
छत्तीसगढ़
हरियाणा
तेलंगाना
ओडिशा
पंजाब
अंडमान निकोबार
अरुणाचल प्रदेश===
असम
चंडीगढ़
दमन एंड दीव
दादरा और नागर हवेली
दिल्ली
गोवा
हिमाचल प्रदेश
झारखंड
केरल
लक्षद्वीप===
त्रिपुरा
उत्तराखंड
मणिपुर
मेघालय
मिजोरम
नागालैंड
पुड्डुचेरी
सिक्किम

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "सरकार ने बताए स्मार्ट सिटी बनने वाले 98 शहरों के नाम, जानिए कैसे होंगे ये शहर". दैनिक भास्कर. 27 अगस्त 2015. मूल से 30 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जनवरी 2016.