भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी

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भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी (NAIR), वडोदरा
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स्थापना 1888
अवस्थिति वडोदरा
जालस्थल NAIR website

भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी (पुराना नाम : रेलवे स्टाफ कालेज), रेल अधिकारियों को भारतीय रेल संगठन में अपना मूल्यांकन करने के लिए मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है ताकि वे बदलते हुए वातावरण के अनुरुप इसमें सुधार लाने हेतु सकारात्मक भूमिका निभा सकें। भारतीय रेल वास्तव में राष्ट्र की जीवन रेखा है, जो बहुत बड़ी परिवहन व्यवस्था के रूप में माल-सामान तथा लोगों को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाने में तथा सामाजिक, प्रौद्योगिकी, आर्थिक तथा राजनीतिक विकास के लिए दिए जाने वाला इसका सहयोग है।

रेलवे स्टाफ कालेज 1930 में देहरादून में स्थापित किया गया तथा इसके पश्चात 1952 में वडोदरा में स्थानांतरित किया गया। यह हरे-भरे लॉन से घिरे तथा सी.एफ. स्टीवेन्स द्वारा डिजाइन की गई पुनर्जागरण शैली में बने प्रताप विलास पैलेस (1914 ई. सन्‌ में निर्मित) में चलाया जा रहा है। 55 एकड़ में फैले तथा बगीचों, वनों, मोरों तथा सैलानी पक्षियों के सुंदर कलरव से गुंजित यह परिसर वडोदरा के गायकवाड (तत्कालीन शासक) से खरीदा गया।

भूमिका[संपादित करें]

भारतीय रेल, भारत की परिवहन अवसंचरना का बहुत की महत्वपूर्ण घटक है एवं यह अपने अस्तित्व के स्वर्णिम 150 वर्ष पूर्ण कर चुकी है तथा समय के साथ-साथ नई सहस्राब्दी के लिए भारत की अवसंचरना योजना के हिस्से के रूप में अपने को तैयार कर रही है। भारतीय रेलवे में लगभग 15 लाख कर्तव्यनिष्ठ एवं बहुत ही कुशल कार्मिक हैं, जिनमें व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ ही साथ वैश्विक आधार पर भी अपार संभावना है।

देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए परिवहन अवसंरचना बहुत ही महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है। कार्य, शिक्षण एवं आनंद के लिए लोगों की गतिशीलता तथा संसाघनों का प्रभावी एवं किफायती वितरण एवं उत्पादन आधुनिक जीवन की आवश्यकताएं हैं। इनकी पहचान के लिए दसवीं पंचवर्षीय योजना में परिचालन कार्यकुशलता, मौजूदा परिसंपत्ति का उत्पादकता बढ़ाने तथा मालभाड़ा एवं किराए के ढ़ांचे को सरल बनाकर अपने गुणात्मक सुधार लाने तथा वर्तमान में भारतीय रेल के समक्ष मुख्य चुनौतियों का सामना करने के लिए रेलवे कार्यप्रणाली का विकास करने सहित मुख्य रूप से नीतिगत सुधार लाना है।ᅠ

मानव संसाधन किसी भी संगठन का बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है जिसकी प्रभावशीलता से सफलता निर्धारित होती है। इसलिए इस संसाधन का विकास भारतीय रेल का महत्वपूर्ण मुद्दा है।

भारतीय रेल में 6.0 लाख से अधिक समूह घ कर्मचारी, लगभग 9 लाख समूह ग कर्मचारी तथा 3000 चिकित्सा अधिकारियों सहित 15,000 समूह क तथा समूह ख अधिकारी कार्यरत हैं। क्षेत्रीय रेलों पर विविध प्रणाली, तकनीकी तथा क्षेत्रीय प्रशिक्षण स्कूलों में अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। अराजपत्रित कर्मचारियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रेल प्रणाली में 169 प्रशिक्षण केंद्ग स्थित हैं। अधिकारियों का प्रशिक्षण छह केंद्गीयकृत प्रशिक्षणों संस्थानों में आयोजित किया जाता है, जैसे-

सिविल इंजीनियरों के लिए भारतीय रेल सिविल इंजीनियरी संस्थान, पुणे,
सिगनल एवं दूरसंचार विभाग के इंजीनियरों के लिए भारतीय रेल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियरी संस्थान, सिकंदराबाद,
यांत्रिक इंजीनियरों के लिए भारतीय रेल यांत्रिक एवं बिजली इंजीनियरी संस्थान, जमालपुर.
बिजली इंजीनियरों के लिए भारतीय रेल बिजली इंजीनियरी संस्थान, नासिक,
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों के लिए रेसुब अकादमी, लखनऊ, तथा
सामान्य रूप से सभी विभागों एवं विशेष रूप में लेखा, कार्मिक, भंडार, यातायात एवं चिकित्सा विभागों के अधिकारियों के लिए सर्वोच्च संस्थान के रूप में रेलवे स्टाफ कालेज, वडोदरा

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