भारतीय अचारों की सूची
भारत में अनेकों फलों से अचार बनाये जाते हैं। इसमें से आम, नीबू, और आँवला के अचार सबसे सामान्य हैं।
- अन्य अचार-
- कटहल का अचार
- लहसुन का अचार
- अमड़ा का अचार
- पका आम का अचार
- पपीता का अचार
- मूली का अचार
- गाजर का अचार
- ओल का अचार
आँवला का अचार
[संपादित करें]प्रस्तावना
[संपादित करें]आँवला एक फल देने वाला वृक्ष है। यह करीब २० फीट से २५ फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं। इसके फूल घंटे की तरह होते हैं। इसके फल सामान्यरूप से छोटे होते हैं, लेकिन प्रसंस्कृत पौधे में थोड़े बड़े फल लगते हैं। इसके फल हरे, चिकने और गुदेदार होते हैं। स्वाद में इनके फल कसाय होते हैं। बाजार मे उपलब्ध होने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थ के कारण मनुष्य की पसंदगी बढने लगी है। मनुष्य भोजन मे सब्जी के अलावा अचार का सेवन पसंद करता है। मौसम के अनुसार उपलब्ध होने वाले फलों तथा विभिन्न फल–सब्जियों से अचार बनाए जाने लगे है। उदा: आम, नीबू, इमली, मिर्ची, आवलें का अचार इत्यादि।
अचार हेतु आवश्यक सामाग्री
[संपादित करें]- 1 किलो आँवला
- 250 ग्राम तेल
- 100 ग्राम सरसो की दाल
- 100 ग्राम लाल तीखा मिर्च पाउडर
- 50 ग्राम हल्दी पाउडर
- 4 चम्मच अजवाइन
- 4 चम्मच जीरा
- 4 चम्मच सौफ पाउडर
- 500 ग्राम सैधा नमक।[1]
अचार बनाने की विधी
[संपादित करें]अचार के लिये अच्छी किस्म के आंवले लीजिये। आंवले को साफ पानी से धोइये। किसी बर्तन में आंवले डाल दीजिये और 1/2 कप पानी डाल दीजिये, उबाल आने के बाद, धीमी गैस पर इतने नरम होने तक पकने दीजिये जब तक इनकी फाके सिक जाए फिर गैस बन्द कर दीजिये। आंवले से पानी हटा दीजिये, ठंडा होने के बाद उनके फाकें अलग कर लीजिये, गुठली निकाल कर अलग कर दीजिये। कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये। तेल जब अच्छी तरह गरम हो जाय तो गैस बन्द कर दीजिये। पीसी हुयी सरसो,हींग और अजवायन डाल दीजिये। 1-2 बार चमचे से चला कर भूनिये, हल्दी पाउडर, सोंफ पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, सरसों ओर नमक डाल कर मसाले को चमचे से मिला दीजिये, इस मसाले में आंवले डालिये। मसाला और आंवले अच्छी तरह मिलाकर सतेल गर्म करके हल्का ठंडा करके सभी को अच्छे से मिलाएँ और काँच के कंटेनर मे रख दें। 15-से 20 दिन मे आंवले का अचार तैयार हो जाएगा।
3-4 दिन तक हर रोज आंवले के अचार को साफ और सूखे चमचे से ऊपर नीचे कर दें। आंवले के अचार को आप पहले दिन से ही खा सकते हैं, लेकिन चार दिन में सारे मसाले आंवले के अन्दर तक चले जायेंगे, मसालों का स्वाद भी बढ़ जायेगा। अचार अधिक स्वादिष्ट लगेगा। अचार को लम्बे समय तक रखने के लिये, आंवले तेल में डुबे रहना चाहिये। आंवले का अचार बहुत ही स्वादिष्ट बनकर तैयार हो जाएगा। साल भर तक अपने खाने के साथ आंवले के अचार को कभी भी सेवन कर सकते हैं। आवलें का अचार बनाने की पूरी विधी विडियो के माध्यम से देखने के लिए इस लिंक को क्लिक को क्लिक करें।[1]
सावधानी
[संपादित करें]- अचार बनाते समय जो भी बर्तन स्तेमाल करें, वे सब सूखे और साफ हों, अचार में किसी तरह की नमी और गन्दगी नहीं जानी चाहिये। अचार के लिये कन्टेनर कांच या प्लास्टिक का हो, कन्टेनर को उबलते पानी से धोइये और धूप में अच्छी तरह सुखा लीजिये। कन्टेनर को ओवन में भी सुखाया जा सकता है। जब भी अचार कन्टेनर से निकालें, साफ और सूखे चम्मच का प्रयोग कीजिये। हफ्ते में 1 बार अचार को चमचे से चलाकर ऊपर नीचे कर दीजिये। अगर धूप है, तब अचार को 3 महिने में 1 दिन के लिये धूप में रख दीजिये, अचार बहुत दिन तक चलते हैं और स्वादिष्ट भी रहते हैं |
मूली का अचार
[संपादित करें]खाने के साथ में अचार होते हैं तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है और भूख भी बढ़ जाती है। मौसम के हिसाब से सब्जियों के अचार भी कई तरह के बनाये जाते हैं जो 15-दिन से 1 माह तक रख कर खाये जा सकते हैं इसी श्रंखला में प्रस्तुत है मूली का अचार (Radish Pickle Recipe)
आवश्यक सामाग्री
[संपादित करें]- मूली- 500 ग्राम (2-3 मूली)
- सरसों का तेल - 1/4 कप
- सिरका - 1/4 कप
- नमक - 2 छोटे चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर
- आधा छोटी चम्मच
- हल्दी पाउडर
- आधा छोटी चम्मच
- हींग पाउडर
- 2 पिच
- अजवायन - आधा छोटी चम्मच
- मेथी दाना - 1 छोटी चम्मच
- राई - 2 टेबल स्पून
विधि
[संपादित करें]सबसे पहले मूली को साफ पानी से धोइये, फिर थोड़ी देर सुखाइये और छील कर लम्बे पतले टुकड़े में काट लीजिये. कटी मूली में 3/4 छोटी चम्मच नमक मिलाइये, नमक लगी मूली किसी ट्रे में रखकर 2-3 घंटे के लिये धूप में रख दिजिये, ट्रे को थोड़ा तिरछा करके रखें ताकि मूली से निकला पानी नीचे की ओर आ जाय, ये मूली से निकले रस को हटा दीजिये. मूली से पानी सूखने के बाद, मूली अचार के लिये तैयार है|कढ़ाई में मेथी अजवायन डालकर हल्के ब्राउन होने तक भून लीजिये,भुने मसाले प्याली में निकाल लीजिये,ठंडा होने के बाद भुने मसाले और राई को दरदरा पीस लीजिये|कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये|गरम तेल में मूली डालकर 2 मिनिट तक भून लीजिये, गैस बन्द कर दीजिये, मूली में हींग,हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर और नमक डालकर मिलाइये और भुने मसाले भी डालकर अच्छी तरह मिला दीजिये|अचार को थोड़ा ठंडा होने के बाद, सिरका डालकर मिला दीजिये|मूली का अचार तैयार है. मूली के अचार (Radish Pickle) को पूरी तरह ठंडा होने के बाद कन्टेनर में भर कर रख दीजिये|कन्टेनर को 3 दिन तक धूप में रख दीजिये, अचार ज्यादा स्वादिष्ट और ज्यादा चलते हैं|मूली का अचार को अभी भी खाया जा सकता है,लेकिन अचार का असली स्वाद 3 दिन के बाद मिलता है|मूली के अचार को 1 माह तक रख कर खा सकते हैं|[[1]]
सावधानियाँ
[संपादित करें]मूली मे पानी की मात्रा ना हो अच्छे से धूप मे सुखाना अनिवार्य है|तैयार अचार को काँच के कंटेनर मे भरने से पहले कंटेनर को अच्छे से धोकर धूप मे सुखालें|अचार सेवन हेतु उपयोग करते समय साफ चम्मच का उपयोग करें|नमी से दूर रखें|हफ्ते दो हफ्ते के बीच धूप दिखाये ताकि अचार खराब होने से बचाया जा सकें|
सन्दर्भ
[संपादित करें]यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
- ↑ अ आ "आंवले का अचार Amla Pickle Recipe". Indian Vegetarian Recipes in Hindi | NishaMadhulika.com (Hindi में). 2008-02-08. मूल से 9 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-11-23.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)