सामग्री पर जाएँ

भानुसिंह ठाकुरेर पदावली

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

भानुसिंह ठाकुरेर पदाबली (शाब्दिक अर्थ : 'भानुसिंह ठाकुर की पदावली') रबीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित एक काव्यग्रन्थ है। यह ब्रजबुलि में है। रबीन्द्रनाथ अपनी किशोरावस्था में "भानुसिंह" के छद्मनाम से वैष्णव कवियों का अनुकरण करते हुए कुछ पद रचना किए थे। वर्ष १८८४ में वे कविताएँ 'भानुसिंह ठाकुरेर पदाबली' नाम से प्रकाशित हुईं। ये कविताएँ पहले विभिन्न समय पर 'भारती' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुईं थीं। इन कविताओं के रचना का इतिहास बाद में रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने 'जीबनस्मृति' ग्रन्थ के 'भानुसिंहेर कबिता' नामक अध्याय में वर्णित किया है।

इस काव्यग्रन्थ में निम्नलिखित गान हैं-

  • बसन्त आओल रे
  • शुनलो शुनलो बालिका
  • हृदयक साध मिशाओल हृदये
  • श्याम रे, निपट कठिन मन तोर
  • सजनि सजनि राधिकालो
  • बँधुया, हियापर आओरे
  • शुन सखि बाजत बाँशि
  • गहन कुसुम कुञ्ज माझे
  • सतिमिर रजनी
  • बाजाओ रे मोहन बाँशि
  • आजु सखि मुहु मुहु
  • गहिर नीदमे
  • सजनि गो, शाङन गगने
  • बादर बरखन
  • सखिरे पिरीत बुझबे के
  • हम सखि दारिद नारी
  • माधब, ना कह आदर बाणी
  • सखिलो, सखिलो, निकरुण माधब
  • बार बार, सखि, बारण करनु
  • देखलो सजनी चाँदनि रजनी
  • मरण रे, तुँहु मम श्याम समान

सन्दर्भ

[संपादित करें]

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]