भांडागारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण

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भांडागारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (डब्लू डी आर ए) भारत का एक विनियामक प्राधिकरण है जिसका गठन भांडागारण (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2007 (2007 की संख्या 37) के अधीन किया गया है और 26 अक्तूबर, 2010 को दिनांकित राजपत्र अधिसूचना द्वारा परिचलित किया गया है। प्राधिकरण एक सांविधिक प्राधिकरण है जिसके पास अधिनियम के उपबंधों के अधीन, चल और अचल, दोनों प्रकार की सम्पत्ति्तयों का अधिग्रहण करने, उनकी बिक्री करने और अनुबंध करने, मुकदमा दायर करने तथा मुकदमे का प्रतिवाद करने के लिए शाश्वत उत्तराधिकार और शक्तियों के साथ एक आम मुहर होगी। प्राधिकरण का मुख्यालय नई दिल्ली में है। केन्द्रीय सरकार के अनुमोदन से, प्राधिकरण अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित कर सकती है।

भांडागारण (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2007 में भांडागारों के विकास और विनियमन, भांडागार रसीदों की परक्राम्य ता और भांडागारण व्यवसाय की व्यवस्थित वृद्धि का संवर्धन करने के लिए अधिनियम, नियमों और विनियमों के अधीन सौंपे गए कार्यों को करने के लिए और उसे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए भांडागारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है।

अधिनियम यह विनिर्दिष्ट करता है कि प्राधिकरण में केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष और अधिक से अधिक दो सदस्य होंगे।

प्राधिकरण की शक्तियाँं और कार्य[संपादित करें]

भांडागारण (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2007 के अध्याय 6 अनुसार प्राधिकरण की शक्तियाँ और कार्य निम्नानुसार हैं -[1]

(1) इस अधिनियम और उस समय प्रवृ त्त किसी भी अन्य कानून के उपबंधों के अधीन रहते हुए, इस अधिनियम के उपबंधों को विनियमित करने और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने तथा भांडागारण व्यवसाय की व्यवस्थित वृद्धि का संवर्धन करने का प्राधिकरण का कर्तव्य होगा।

(2) पूर्वगामी उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, प्राधिकरण की शक्तियॉं और कार्य में निम्नलिखित सम्मिलित होंगे, अर्थात्-

(क) भांडागारपाल के लिए अपेक्षाएं पूरी करने वाले आवेदकों को भांडागार के संबंध में रजिस्ट्रीकरण प्रमाण.पत्र जारी करना या ऐसे रजिस्ट्रीकरण को नवीकृत करना, रूपांतरित करना, वापस लेना, निलंबित करना या रद्द करना ,

(ख) प्रत्यायन ऐजन्सी के रजिस्ट्रीकरण और कार्यों को विनियमित करना, ऐसे रजिस्ट्रीकरण को नवीकृत करना, रूपांतरित करना, वापस लेना, निलंबित या रद्द करना, और भांडागारों का प्रत्यायन करने के लिए प्रत्यायन ऐजन्सीयों के पदधारियों के लिए आचार संहिता विनिर्दिष्ट करना,

(ग) भांडागारपाल और भांडागारण व्यवसाय में लगे कर्मचारी के लिए अर्हताएं, आचार संहिता और व्यावहारिक प्रशिक्षण विनिर्दिष्ट करना,

(घ) भांडागार में जमा वस्तुओं के संबंध में उसके गिरवी रखने, प्रभारों के सृजन और उनके प्रवर्तन की प्रक्रिया विनियमित करना,

(ङ) भांडागार व्यवसाय के संचालन में दक्षता का बढ़ावा देना,

(च) वस्तुओं के श्रेणीकरण के लिए प्रमाणकर्ता अभिकरणों के अनुमोदन के लिए मानकों को अधिकथित करने के लिए विनियम बनाना,

(छ) भांडागारण व्यवसाय से संबंधित व्यावसायिक संगठनों का बढ़ावा देना,

(ज) अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए शुल्क और अन्य प्रभारों की दर निर्धारित करना ,

(झ) भांडागार, प्रत्यायन ऐजन्सी और भांडागारण व्यवसाय से संबंधित अन्य संगठनों से सूचना मंगाना, उनका निरीक्षण करना, जांच और अन्वेषण करना जिसके अंतर्गत उनकी लेखा परीक्षा भी है,

(ञ) उन दरों, लाभों, निबंधनों और शर्तों को विनियमित करना जो भांडागारण व्यवसाय के संबंध में भांडागारपाल द्वारा प्रस्थापित की जाएं,

(ट) विनियमों द्वारा वह प्रणाली विनिर्दिष्ट करना जिनमें लेख बहियां रखी जाएगी और भांडागारपाल द्वारा लेखा विवरण दिए जाएंगे,

(ठ) आर्बिट्रेटर का एक पैनल रखना और भाण्डागारों और भाण्डागार रसीद धारकों के बीच विवादों के लिए पैनल से आर्बिट्रेटर को नामित करना,

(ड) भांडागारों में जमा किए गए फंगिबल वस्तूओं के जमा शेष धारण करने और हस्तांतरण की इलेक्ट्रॉ निक प्रणाली विनियमित और विकसित करना,

(ढ) रजिस्ट्रीकृत भांडागार में कृषि वस्तुओं के भंडारण के लिए आरक्षित रखे जाने के लिए स्थान की न्यूनतम प्रतिशतता अवधारित करना,

(ण) भांडागारपाल के कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों को विनिर्दिष्ट करना ,

(त) ऐसी अन्य शक्तियों का प्रयोग करना और ऐसे अन्य कार्यों को करना जो विहित किए जाएं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "प्राधिकरण की शक्तियाँ और कार्य" (PDF). मूल (PDF) से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2015.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]