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भवानीपुर शक्तिपीठ

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भवानीपुर मंदिर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिशेरपुर उपजिला, बोगरा
ज़िलाबोगरा जिला
देशबांग्लादेश
भवानीपुर शक्तिपीठ is located in बांग्लादेश
भवानीपुर शक्तिपीठ
बांग्लादेश के मानचित्र पर अवस्थिति
भौगोलिक निर्देशांक24°32′59″N 89°25′57″E / 24.5497°N 89.4326°E / 24.5497; 89.4326निर्देशांक: 24°32′59″N 89°25′57″E / 24.5497°N 89.4326°E / 24.5497; 89.4326

भवानीपुर शक्तिपीठ बांग्लादेश के राजशाही डिवीजन के बोगरा जिले में स्थित है। करातोया नदी के किनारे स्थित इस मंदिर को हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है।[1][2] [1]

महात्म्य

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सती के पार्थिव शरीर को लेकर विचरते महादेव शंकर

हिन्दू पौराणिक आख्यान के अनुसार सतयुग में प्रजापति राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया लेकिन उस यज्ञ में अपनी पुत्री सती के पति महादेव शंकर को नहीं आमंत्रित किया। सती अपने पति के इस अपमान को नहीं बर्दाश्त कर पाईं और यज्ञ के कु्ण्ड में आत्मदाह कर लिया। इस दु:खद घटना से आहत भगवान शंकर सति के पार्थिव शरीर को अपने कंधे पर रख ताण्डव नृत्य करने लगे। भगवान शिव को ऐसा करने से रोकने के लिए भगवान विष्णु ने सती के पार्थिव शरीर को सुदर्शन चक्र से खण्डित कर दिया। इसके बाद माता सती के खण्डित पार्थिव शरीर के हिस्से और आभूषण भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में जहां-जहां गिरे उन स्थानों को शक्तिपीठ के रूप में पूज्यनीय माना गया। इन इक्यावन शक्ति पीठों में से एक भवानीपुर शक्तिपीठ के बारे में मान्यता है कि यहां मां शक्ति के बाएं पैर का पायल गिरा था। [3]

भवानीपुर में शक्ति की 'अपर्णा' और कालभैरव की 'वामन' के रूप में उपासना की जाती है। बांग्लादेश में स्थित यह शक्तिपीठ हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ-स्थल है।[4]

यह मंदिर 12 बीघे के एक अहाते के बीचोबीच बना हुआ है। मंदिर प्रांगण में एक शिव मंदिर और कालभैरव का भी मंदिर स्थित है। मंदिर के उत्तर में सेवा आंगन और शंख पुकुर तालाब है, जिसका निर्माण एक स्थानीय राजघराने ने करवाया था। प्रतिवर्ष इस मंदिर प्रांगण में माघ पूर्णिमा, रामनवमी और दशहरे के अवसर पर मेला लगता है।

संपर्क मार्ग

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तीर्थयात्री ढाका से भवानीपुर जाने के लिए यमुना पुल का मार्ग चुन सकते हैं। इस मार्ग में सिराजगंज जिले में चंदाईकोना पार करने के बाद घोगा बो़ट टोला पहुंचकर हाइवे के किनारे वैन या कोई अन्य सवारी लेकर भवानीपुर मंदिर पहुंचा जा सकता है। बोगरा से उत्तर दिशा से आने वाले श्रद्धालु शेरपुर, मिर्जापुर से हेकर घोगा बो़ट टोला बस स्टैंड तक पहुंच सकते हैं।

प्रबन्ध

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इस मंदिर की देखरेख मंदिर प्रबंध समिति द्वारा किया जाता है। आजादी से पूर्व बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान के रूप में पाकिस्तान का एक हिस्सा था। उस दौर में शत्रु-सम्पत्ति अधिनियम की आड़ में इस शक्तिपीठ की भूमि पर लगातार अतिक्रमण हुए। लेकिन बाद में बांग्लादेश के हिंदु श्रद्धालुओं के प्रयास से अब इस मंदिर के संरक्षण का कार्य चल रहा है।

सन्दर्भ

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  1. Togawa, Masahiko (2012). "Sakta-pitha". In Islam, Sirajul; Jamal, Ahmed A. (eds.). Banglapedia: National Encyclopedia of Bangladesh (Second ed.). Asiatic Society of Bangladesh.
  2. "51 Shakti Peethas – A Compilation" (PDF). VedaRahasya.Net. Archived from the original (PDF) on 9 दिसंबर 2017. Retrieved 25 नवंबर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  3. "51 Shakti Peethas – A Compilation" (PDF). VedaRahasya.Net. Archived from the original (PDF) on 9 दिसंबर 2017. Retrieved 25 नवंबर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  4. "51 Shakti Peethas – A Compilation" (PDF). VedaRahasya.Net. Archived from the original (PDF) on 9 दिसंबर 2017. Retrieved 25 नवंबर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)