भगवान सिंह

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भगवान सिंह
भगवान सिंह
जन्म१ जुलाई १९३१
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
पेशाआलोचक, लेखक, इतिहासकार, भाषावैज्ञानिक
राष्ट्रीयताभारतीय
विधाउपन्यास, शोधपरक रचनाएँ, आलोचना
विषयइतिहास,भाषाविज्ञान, भारतीय संस्कृति,वैदिक साहित्य
उल्लेखनीय कामअपने अपने राम, हड़प्पा सभ्यता और वैदिक साहित्य, उन्माद, The Vedic Harappans


भगवान सिंह (जन्म: १ जुलाई, १९३१) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं[1][2]

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

भगवान सिंह का जन्म, 1 जुलाई 1931 गोरखपुर जनपद के एक मध्यवित्त किसान परिवार में। गोरखपुर विश्व विद्यालय से एम. ए. (हिंदी) । आरंभिक लेखन सर्जनात्मक कविता, कहानी, उपन्यास और आलोचना।

प्रकाशित कृतियाँ[संपादित करें]

उपन्यास[संपादित करें]

  • काले उजले टीले (1964)
  • महाभिषग (1973)[3][4]
  • अपने अपने राम (1992)[5]
  • परम गति (1999)
  • उन्माद (2000)[6]
  • शुभ्रा (मूल रचना सुरेंद्र शर्मा ) (2000)[7]

कविता संग्रह[संपादित करें]

  • अपने समानान्तर (1970)

शोधपरक रचनाएँ[संपादित करें]

  • स्थान नामों का भाषावैज्ञानिक अध्ययन (अंशत: प्रकाशित, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, 1973)
  • आर्य-द्रविड़ भाषाओं की मूलभूत एकता (1973)
  • हड़प्पा सभ्यता और वैदिक साहित्य, दो खंडों में (1987)[8]
  • दि वेदिक हड़प्पन्स (1995)[9]
  • भारत तब से अब तक (1996)
  • भारतीय सभ्यता की निर्मिति (2004)
  • भारतीय परंपरा की खोज (2011)[10]
  • प्राचीन भारत के इतिहासकार (2011)[11]
  • कोसंबी : मिथक और यथार्थ (2011)[12][13][14][15]
  • आर्य द्रविड़ भाषाओँ का अंत समबन्ध (2013)[16]
  • इतिहास का वर्तमान (2016)[17]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "भगवान सिंह". वाणी प्रकाशन. मूल से 27 अप्रैल 2017 को पुरालेखित.
  2. "भगवान सिंह". किताबघर प्रकाशन. मूल से 1 जून 2017 को पुरालेखित.
  3. "महाभिषग". भारतीय साहित्य संग्रह - pustak.org.
  4. "महाभिषग - गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित उपन्यास". Exotic India.
  5. "अपने अपने राम". वाणी प्रकाशन.[मृत कड़ियाँ]
  6. "उन्माद". Exotic India.
  7. "शुभ्रा". Google Books.
  8. "हड़प्पा सभ्यता और वैदिक साहित्य". राजकमल प्रकाशन समूह.[मृत कड़ियाँ]
  9. "The Vedic Harappans". Exotoc India. मूल से 4 नवंबर 2017 को पुरालेखित.
  10. "भारतीय परंपरा की खोज". सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन.[मृत कड़ियाँ]
  11. "प्राचीन भारत के इतिहासकार". Exotic India. मूल से 29 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित.
  12. "कोसंबी कल्पना से यथार्थ तक". राजकमल प्रकाशन.[मृत कड़ियाँ]
  13. कमलेश. "एक इतिहासकार की भ्रांत स्थापनाएं". जनसत्ता.
  14. कुमार, कुलदीप. "डी डी कोसांबी पर भगवा हमला".
  15. कमलेश. "भारतीय इतिहास का साम्राज्यवादी दमन". जनसत्ता.
  16. "आर्य द्रविड़ भाषाओँ का अंत समबन्ध". Exotic India.
  17. अवस्थी, अवनिजेश. "आईने में मार्क्सवाद". जनसत्ता.