ब्रिटेन की लड़ाई
ब्रिटेन की लड़ाई द्वितीय विश्व युद्ध का एक सैन्य अभियान था। यह सन् 1940 में मुख्य रूप से दक्षिणी इंग्लैंड में लड़ी गई हवाई लड़ाई थी। इसमें रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) और रॉयल नेवी के फ्लीट एयर आर्म (एफएए) ने नाजी जर्मनी की वायु सेना लूफ़्टवाफे द्वारा किए गए हमलों से यूनाइटेड किंगडम (यूके) की रक्षा की थी। यह पहला प्रमुख सैन्य अभियान था जो पूरी तरह से वायु सेनाओं द्वारा लड़ा गया था।[1]
इतिहास
[संपादित करें]ब्रितानी आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन की लड़ाई की अवधि को 10 जुलाई से 31 अक्टूबर 1940 तक मानते हैं। जर्मन इतिहासकार इस लड़ाई को जुलाई 1940 से मई 1941 तक चलने वाला एकल अभियान मानते हैं।[2]
जर्मन सेनाओं का प्राथमिक उद्देश्य ब्रिटेन को बातचीत के माध्यम से शांति समझौते के लिए बाध्य करना था। जुलाई 1940 में हवाई और समुद्री नाकाबंदी शुरू हुई, जिसमें लूफ़्टवाफे़ ने मुख्य रूप से तटीय जहाज़ों के काफिलों के साथ-साथ पोर्ट्समाउथ जैसे बंदरगाहों और शिपिंग केंद्रों को अपना निशाना बनाया।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रणनीतिक बमबारी द्वारा ने आम जनता को भयभीत करने के लिए हवाई हमले शुरु किए। इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश थल सेना और जल सेना का रोयल एयर फ़ोर्स में विलय हो गया।[3]
वर्ष 1919 की वर्साय की संधि द्वारा जर्मनी को सैन्य वायु सेना रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ "बैटल ऑफ़ ब्रिटेन मैमोरियल फ़्लाइट - 92 स्क्वाड्रन -ज्यौफ़्री वेल्लम". web.archive.org. 2 मार्च 2009. मूल से पुरालेखन की तिथि: 2 मार्च 2009. अभिगमन तिथि: 19 जनवरी 2025.
{{cite web}}: CS1 maint: bot: original URL status unknown (link) - ↑ ओवरी, रिचर्ड जेम्स (2013). द बॉम्बिंग वॉर: यूरोप 1939-1945. लंदन, इंग्लैंड न्यूयॉर्क: ऐलन लेन. p. 73-74. ISBN 978-0-7139-9561-9.
- ↑ "स्ट्रैटेजी फ़ॉर डिफ़ीट: द लुफ्टवाफ़े 1933-1945". www.ibiblio.org. अभिगमन तिथि: 19 जनवरी 2025.