ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची
ब्रिटिश भारत में रियासतें |
---|
व्यक्तिगत रेसिडेंसी |
अभिकरण |
सूचियां |
सम्बंधित पृष्ठ |
सन १९४७ में स्वतंत्रता और विभाजन से पहले भारतवर्ष में ब्रिटिश शासित क्षेत्र के अलावा भी छोटे-बड़े कुल 565 स्वतन्त्र रियासत हुआ करते थे, जो ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं थे। ये रियासतें भारतीय उपमहाद्वीप के वो क्षेत्र थे, जहाँ पर अंग्रेज़ों का प्रत्यक्ष रूप से शासन नहीं था, बल्कि ये रियासत सन्धि द्वारा ब्रिटिश राज के प्रभुत्व के अधीन थे। इन संधियों के शर्त, हर रियासत के लिये भिन्न थे, परन्तु मूल रूप से हर संधि के तहत रियासतों को विदेश मामले, अन्य रियासतों से रिश्ते व समझौते और सेना व सुरक्षा से संबंधित विषयों पर ब्रिटिशों की अनुमति लेनी होती थी, इन विषयों का प्रभार प्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजी शासन पर था और बदले में ब्रिटिश सरकार, शासकों को स्वतन्त्र रूप से शासन करने की अनुमती देती थी।
सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता व विभाजन के पश्चात सिक्किम के अलावा अन्य सभी रियासत या तो भारत या पाकिस्तान अधिराज्यों में से किसी एक में शामिल हो गए, या उन पर कब्जा कर लिया गया। नव स्वतंत्र भारत में ब्रिटिश भारत की एजेंसियों को "दूसरी श्रेणी" के राज्यों का दर्जा दिया गया (उदाहरणस्वरूप: "सेंट्रल इण्डिया एजेंसी", "मध्य भारत राज्य" बन गया)। इन राज्यों के मुखिया को राज्यपाल नहीं राजप्रमुख कहा जाता था। १९५६ तक "राज्य पुनर्गठन अयोग" के सुझाव पर अमल करते हुए भारत सरकार ने राज्यों को पुनर्गठित कर वर्तमान स्थिती में लाया। परिणामस्वरूप सभी रियासतों को स्वतंत्र भारत के राज्यों में विलीन कर लिया गया। इस तरह रियासतों का अंत हो गया।
सन १९६२ में प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के शासनकाल के दौरान इन रियासतों के शासकों के निजी कोशों को एवं अन्य सभी ग़ैर-लोकतान्त्रिक रियायतों को भी रद्ध कर दिया गया
परिचय
[संपादित करें]सन १८५७ तक, भारतवर्ष के सारे बड़े व शक्तिशाली साम्राज्यों और रियासतों(मुग़ल साम्राज्य, मराठा साम्राज्य, अवध, मैसूर, सिख साम्राज्य आदि) को अंग्रेज़ों ने युद्ध या कूटनीती से पस्त कर दिया था और भारतीय उपमहाद्वीप के ज़्यादातर हिस्सों पर अधिकार जमा लिया था। इस्के अलावा उन्होंने फ़्रान्सिसी और पुर्तगाली ईस्ट इण्डिया कंपनीयों को भी हरा कर उनका भी भारत में विस्तार रोक दिया था। १९वीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप मैं अपनी प्रभुता व नायकत्वता(अंग्रेज़ी: hegemony) स्थापित कर ली थी और भारत में ख़ुद को एकमात्र नायक के रूप मैं स्थापिन कर लिया था। १८५७ के संग्राम के बाद अगस्त १८५८ के इलाहाबाद घोषणा के बाद ब्रिटिश सरकार ने विस्तारवादी नीती छोड़ दी और रियासतों से अब तक हुई संधि के तहत रियासतों से रिश्तों को आगे बढ़ाने की घोषणा की। रियासतों से हुए सहायक संधियों के तहत राज्यों पर ब्रिटिश ताज अधिपत्य था और राज्यों के विदेशी मामलों और सुरक्षा के लिये ज़िम्मेदार था। संधि द्वारा रियासत के शासकों को क्षेत्रिय स्वायत्तता (राजकीय शासन संभालने की स्वतन्त्रता) परन्तु यह स्वायत्तता केवल सैद्धान्तिक थी, वास्तव में रजवाड़ों के आंतरिक मामलों में ब्रिटिशों का काफ़ी प्रभाव व हस्तक्षेप था।
ब्रिटिश सरकार हर राज्य के लिये एक स्थायी अफ़सर नियुक्त करती थी जिसे रेसीडेंट (अंग्रेज़ी: Resident) कहा जाता था। "रेसिडेंट " एक राजनयिक पद्धती थी जो रजवाड़ों में ब्रिटिश सरकार के दूतों को दिया जाता था। रेसिडेंट ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त किये गए सलाहकार थे जिनका काम था रियासतों में ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधितव करना और शासकों के सामने ब्रिटिश हितों को रखना। १९४७ तक केवल चार राज्यों, जो सबसे विशाल और महत्वपूर्ण थे, में रेसिडेंट बचे थे जबकी अन्य सभी छोटे राज्यों समूहों में वर्गीकृत कर दिया गया। इन समूहों को "एजेंसी" कहा जाता था जेसे की "राजपूताना एजेंसी", "सेंट्रल इण्डिया एजेंसी" और "बलूचिस्तान एजेंसी"। महत्वपूर्ण राजायों को सलामी राज्य का दरजा दिया जाता था।
१९२० में रियासतों का प्रतिनिधित्व करने के लिये "नरेन्द्र मंडल" की स्थापना की गई जो शासकों के लिये ब्रिटिश सरकार से अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को प्रस्तुत करने का एक मंच था। इस्की बैठक "संसद भवन" के सेंट्रल हाॅल में होती थी। इसे १९४७ में विस्थापित कर दिया गया।
१९४७ में भारत की आज़ादी के समय अंग्रेज़ सरकार ने "इण्डियन इन्डिपेंडेंस ऐक्ट" के तहत सभी रियासतों को ३ विकल्पों के साथ छोड़ा था भारत या पाकिस्तान में विलय या स्वतन्त्र रहना। अधिकतर राज्यों ने भारत या पाकिस्तान में विलय को स्वीकार कर लिया सिवाए हैंदराबाद, जुनागढ़, जम्मू-कश्मीर, बिलासपुर, भोपाल और त्रावणकोर के जिन्होंने पहले आज़ाद रहने का फ़ैसला लिया था। बाद में इन सभी राज्यों को भारत या पाकिस्तान में मिला लिया गया। नव स्वतंत्र भारत में एजेंसियों को " भाग-B " के राज्यों का दर्जा दिया गया (उदाहरणस्वरूप: "सेंट्रल इण्डिया एजेंसी" बन गया "मध्य भारत राज्य")। इन राज्यों के मुखिया को राज्यपाल नहीं राजप्रमुख कहा जाता था। १९६२ तक "राज्य पुनर्गठन अयोग" के सुझाव पर अमल करते हुए भारत सरकार ने राज्यों को पुनर्गठित कर मौजूदा स्थिति में लाया। परिणामस्वरूप सारी रियासतों को स्वतंत्र भारत के राज्यों में विलीन कर लिया गया। इस तरह रियासतों का अंत हा गया।
अंतिम बचा राज्य सिक्किम को भी १६ मई १९७५ में जनमत-संग्रह के पश्चात भारत में शामिल कर लिया गया था, जिसमें सिक्किम के लोगों ने भारी मतों से इस्के लिये वोट दिया।
1947 में रियासतों की सूची
[संपादित करें]व्यक्तिगत रेसिडेंसीयों की सूची
[संपादित करें]Basantpur riyasat | riyasat | Basantpur Siwan India | Anshu 1st |
---|---|---|---|
हैदराबाद | रेसिडेंसी | तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और कर्नटक, भारत | उस्मान अलि ख़ान, असफ़ जाह अष्टम |
जम्मू और कश्मीर | रेसिडेंसी | जम्मू और कश्मीर, भारत; | महाराज हरि सिंह |
मैसूर | रेसिडेंसी | कर्नाटक, भारत | श्री जयचामराजेंद्र वडियार |
सिक्किम | रेसिडेंट | सिक्किम, भारत | चोग्याल वांग्चूक् नामग्याल |
त्रावणकोर | मद्रास प्रेसिडेंसी के अंतरगत स्थाई रेसिडेंट | केरल और तमिल नाडु के 5 तालुक | त्रावणकोर के महाराज, श्री पद्मनाभ दास श्री चित्थिरा थिरुनाल बलराम वर्मा वंचि पाल महाराज मारतंड वर्मा पंचम, श्री उथ्रडोम थिरुनाल कुलशेखरा कीर्तिपती मन्नेय सुल्तान महाराज राजा रामराज बहादुर शमशेर जंग |
बलूचिस्तान एजेंसी
[संपादित करें]रियासत का नाम | राज्य का पद | वर्तमान देशों का भाग | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
कलात | रजवाड़ा | बलूचिस्तान, पाकिस्तान | ख़ान-ए-कलात, बग़लर बेग़ी मीर आग़ा सुलैमान जान |
खारान | रजवाड़ा | बलूचिस्तान, पाकिस्तान | हबीबुल्लाह ख़ान |
लास बुला | रजवाड़ा | बलूचिस्तान, पाकिस्तान | लाॅस बुला के आमिर और जाम, मीर मुहम्मद यूसुफ़ ख़ान |
मकरान | रजवाड़ा | बलूचिस्तान, पाकिस्तान | बाई ख़ान बलोच गिकची |
काठीयाव़ाड एजेंसी
[संपादित करें][2] काठीयाव़ाड एजेंसी की रियासते।
रियासत का नाम | राज्य का पद | वर्तमान देश का भाग | अंतिम शाशक |
---|---|---|---|
ध्रोल राज्य | रज़वाडा | काठीयाव़ाड,भारत | ठाकोर साहेब श्री श्री चंद्रसिंहजी जाडेजा |
नवानगर रियासत | रज़वाडा | काठीयाव़ाड,भारत | जाम साहेब श्री श्री शत्रुशैल्यसिंहजी जाडेजा |
राजकोट रियासत | रज़वाडा | काठीयाव़ाड,भारत | ठाकोर साहेब श्री प्रद्युमनसिंहजी जाडेजा |
गोंडल (रियासत) | रज़वाडा | काठीयाव़ाड,भारत | ठाकोर साहेब श्री भगवतसिंहजी जाडेजा |
मोरबी रियासत | रज़वाडा | काठीयाव़ाड,भारत | ठाकोर साहेब श्री लगधीरसिंहजी जाडेजा |
मकाजी मेधपर (रियासत) | राज्य भायाती गांव | काठीयाव़ाड,भारत | ध्रोल राज्य |
दक्खन राज्य एजेंसी एवं कोल्हापुर रेसिडेंसी
[संपादित करें]नाम | एजेंसी/रेसिडेंसी | मौजूदा हिस्सा | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
अक्कालकोट | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | अक्कालकोट की रानी साहेब, श्रीमंत रानी सुमित्रा बाई राजे भोंसले |
औंध | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | औंध के पंत प्रतिनिधी, मैहरबां श्रीमंत भगवंतराव श्रीपतराव |
भोर | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | राजा श्रीमंत सर रघुताथराव खोपडे देशमुख |
जमखंडी | रियासत | कर्नाटक, भारत | राजा साहेब श्रेमंत राजा राजाप्रणै राव परषुरामराव पटवरधन |
जंजीरा रियासत | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | जंजिरा के नवाब, सिदि मुहम्मद ख़ान (द्वितीय) |
जथ | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | ल्यूटेनेन्ट श्रीमंत राजा विजयसिंहराव रामराव बाबासाहेब दाफ़ले |
कोल्हापुर | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | कोल्हापुर के महाराज, छत्रपती महाराज साहब बहादुर श्रीमंत राजश्री शाहु (द्वितीय) भोंसले |
कुरुन्दवाद (वरिष्ठ) | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | कुरुन्दवाद वरिष्ठ के राजा श्रीमंत भालचंद्रराव चिंतामनराव पटवर्धन |
कुरुन्दवाद (कनिष्ठ) | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | कुरुन्दवाद कनिष्ठ के राजा, राजा श्रीमंत हरिहर्राव रघुनाथराव पटवर्धन |
मुधोल | रियासत | कर्नाटक, भारत | श्रीमंत राजा भैरवसिंहराव मलोजीराव घोरपडे (द्वितीय) |
फलटण | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | मेजर राजा बहादुर श्रीमंत राम राजे नाइक निम्बलकर |
सांगली | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | कैप्टन श्रीमंत राजा साहेब सर चिंतामनराव (द्वितीय) धूंदिडिराजराव अप्पासाहेब पटवरधन |
सवानुर | रियासत | कर्नाटक, भारत | सवानुर के नवाब, अब्दुल माजिद ख़ान (द्वितीय) |
सावंतवाडी | रियासत | महाराष्ट्र, भारत | भोंसले कुल |
ग्वालियर रेसिडेंसी (मराठा)
[संपादित करें]ग्वालियर रेसिडेंसी के राज्यों की सूची।
राज्य का नाम | एजेंसी/रेसिडेंट | वर्तमान भाग | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
ग्वालियर | रियासत | मध्य प्रदेश, भारत | महाराज जिवाजी राव सिंधिया |
गढ़ा राज्य | रियासत | मध्य प्रदेश, भारत | |
खनियाधाना | रियासत | मध्य प्रदेश, भारत | |
रामगड़ी रियासत | रियासत | उत्तर प्रदेश, भारत | दीवान महादेव मिश्रा[3] |
राजगढ़ | रियासत | मध्य प्रदेश, भारत | महारानी सुशीला सिन्हा रुद्राणी |
रामपुर | रियासत | उत्तर प्रदेश, भारत | रामपुर के नवाब, नवाब सईयद मुहम्मद क़ाज़ीम 'अलि ख़ान बहादुर |
मद्रास प्रेसिडेंसी की रियासतें
[संपादित करें]रियासत
का नाम |
राज्य का पद | वर्तमान देशों
का भाग |
अंतिम शासक |
---|---|---|---|
बनगानपल्ली | रियासत | आंध्र प्रदेश, भारत | बनगानपल्ली के नवाब, नवाब सईयद फ़ज़ल्-ए-अलि ख़ान चतुर्थ बहादुर |
कोच्चि | रियासत | केरल, भारत | केरल वर्मा |
पुदुकोट्टई राज्य | रियासत | तमिलनाडु, भारत | पुदुकोट्टई के महाराज, राजागोपाल तोंडईमान |
संदूर | रियासत | कर्नाटक, भारत | संदूर के राजा, हिन्दुराव, मम्लुक्तमदार सेनापति, श्रीमंत महाराज श्री मुरर्राव यश्वंतराव घोरपडे |
उत्तर-पष्चिमी सीमांत राज्य एजेंसी के राज्य
[संपादित करें]राज्य का नाम | पद/वर्गिकरण | वर्तमान भाग | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
अम्ब | रियासत. | ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान | नवाब मुहम्मद सईद ख़ान |
चित्राल | रियासत | ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान | मेहतार सैफ़-उल्-मुक़ नसिर |
दिर | रियासत | ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान | मुहम्मद शाह खोसरू ख़ान |
फुलरा | रियासत रियासत | ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान | ख़ान अटा मुहम्मद ख़ान |
स्वात | रियासत | ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान | मियांगुल अब्दुल्-हक़ जहांज़ीब |
गिलगित एजेंसी के राज्य
[संपादित करें]हुंज़ा और नगर रियासतों समेत गिलगित एजेंसी के कई जागीर जम्मू और कश्मीर के महाराज के आधीन थे।
रियासत का नाम | रियासत के समूह का नाम | वर्तमान देशों का भाग | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
हुन्ज़ा | गिलगित एजेंसी | गिलगित-बल्तिस्तान, पाकिस्तान | मौहम्मद जमाल ख़ान |
नगर रियासत | गिलगित एजेंसी | गिलगित-बल्तिस्तान, पाकिस्तान | शौक़त अली ख़ान |
सिंध प्रांत के राज्य
[संपादित करें]रियासत का नाम | रायासत का पद | वर्तमान देशों का भाग | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
ख़ैरपुर रियासत | रियासत | सिंध, पाकिस्तान | ज्यौर्ज अलि मुरद ख़ान |
पंजाबी राज्य एजेंसी
[संपादित करें]राजपूताना एजेंसी
[संपादित करें]राजपूताना एजेंसी के राज्यों की सूचि।
नाम | रेसिडेंट या एजेंट | वर्तमान भाग | अंतिम शासक |
---|---|---|---|
अलवर | रियासत | राजस्थान, भारत | अलवर के महाराज, राज ऋषी श्री सवाई महाराज जीतेंद्र प्रताप सिंहजी वीरेंद्र शिरोमणीं देव भरत प्रभाकर बहादुर जीतेंद्र सिंह |
बाँसवाड़ा | रियासत | राजस्थान, भारत | बाँसवाड़ा के महारावल, राज रयान महिमेंद्र महाराजाधिराज महारावलजी साहब श्री जगमालजी (द्वितीय) बहादुर, नरेश राज्य |
भरतपुर | रियासत | राजस्थान, भारत | महाराजा ब्रजेंद्र सिंह |
बीकानेर | रियासत | राजस्थान, भारत | बीकानेर के महाराज एवं बीकानेर के शाही घराने के मुखिया, श्री राज राजेश्वर महाराजाधिराज नरेंद्र सवाई महाराज शिरोमणीं रवि राज सिंहजी बहादुर |
बूंदी | रियासत | राजस्थान, भारत | कर्नल महाराव राजा श्री बहादुर सिंहजी बहादुर |
धौलपुर | रियासत | राजस्थान, भारत | धौलपुर के महाराज राणा, महामहिं महाराजाधिराज श्री सवाई महाराज राणा श्री हेमन्त सिंह, लोकेन्द्र बहादुर, दिलेर जंग जय देव |
डूंगरपुर | रियासत | राजस्थान, भारत | डुंगरपुर के महारावल, राय-ए-रय़ान, महिमहेंद्र, महाराजाधिराज महारावल श्री महिपाल सिंहजी (द्वितीय) साहिब बहादुर |
जयपुर | रियासत | राजस्थान, भारत | महामहिं सारामद-ए-राजाहई हिंदुस्तान राज राजेन्द्र श्री महाराजाधिराज सर सवाई महाराज सवाई मान सिंह (द्वितीय) |
जैसलमेर | रियासत | राजस्थान, भारत | महाराजाधिराज महारावल सर जवाहर सिंह बहादुर |
झालावाड़ | रियासत | राजस्थान, भारत | झालावाड़ के महाराज राणा, महाराजाधिराज महाराज राणा श्री चन्द्रजीत सिंह देव बहादुर |
जोधपुर | रियासत | राजस्थान, भारत | राजराजेश्वर सरामद-ए-राजाह्-ए-हिंदुस्तान महाराजाधिराज श्री गज सिंहजी (द्वितीय) साहब बहादुर |
करौली | रियासत | राजस्थान, भारत | महाराजा श्री गणेश पाल देव बहादुर यदकुल चन्द्रभाल |
किशनगढ़ | रियासत | राजस्थान, भारत | उम्दए राजहे बुलंद मकान महाराजाधिराज महाराज सुमेर सिंहजी बहादुर |
कोटा | रियासत | राजस्थान, भारत | महाराव श्री भीम सिंह (द्वितीय) बहादुर |
कुशलगढ़ | रियासत | राजस्थान, भारत | राव हरेंद्र सिंह |
लवा-सरदारगढ़ | रियासत | राजस्थान, भारत | |
मेवाड़ | रियासत | राजस्थान, भारत | माहाराणा सर भूपाल सिंह |
तोरावटी | रियासत | राजस्थान, भारत | राव वीर विक्रम सिंह तंवर |
प्रतापगढ़ | रियासत | राजस्थान, भारत | राजा अजीत प्रताप सिंह |
शाहपुरा | रियासत | राजस्थान, भारत | राजाधिराज सुदर्शन सिंह |
सिरोही | रियासत | राजस्थान, भारत | महाराव रघुबीर सिंह |
टोंक | रियासत | राजस्थान, भारत | नवाब फ़ारुख़ अली ख़ान |
चित्र:Amarkoat अमरकोट | रियासत | सिन्ध, पाकिस्तान | राणा चंद्रसिंह सोढा(राजपूत) |
गुजराती राज्य एजेंसी एवं बरोडा रेसिडेंसी
[संपादित करें]- बाजाना
- बाकरोल-बोरू
- बालासिनोर
- बंसदा
- बांटवामानावदार
- बडोदा
- भावनगर
- छोटा उदयपुर
- कच्छ
- डंग क्षेत्र की रियासतें
- दांता रायासत
- देवगड्बरिया
- देवनी मोरी रियासत
- ध्रांगध्रा
- ध्रोल
- गोंडाल
- हदोल
- सातलासाना
- मेहसाना
- इडर
- जामनगर
- जस्दान
- जव्हार
- जुनागढ़
- खंभात रियासत
- लखतर रियासत
- लिंबडी
- लुनाव्दा
- मालपुर
- मनसा
- मलिया
- मियागम रियासत
- मोहनपुर
- मोरवी
- मुली, गुजरात
- नवानगर
- पालनपुर
- पांडू मेवास
- पाटन
- पोरबंदर
- पोशीना
- राधनपुर
- राजकोट
- राजपीपला
- अंबलियारा रियासत
सबरकांथा एजेंसी
[संपादित करें]मध्य भारत एजेंसी के राज्यों की सूचि
[संपादित करें]- अजयगढ़
- अलीपुरा
- अलीराजपुर
- बांका
- बावनी
- बरौंधा
- बरवानी
- बेरी
- बसीडा
- भैसुंदा
- भोपाल
- बिजावर
- बिजना
- बिलहेरी
- चरखारी
- छतरपुर
- चिरगाँव
- दतिया
- देवास
- धार
- धुरवई
- गौरिहार
- ग्वालियर
- इन्दौर
- जावरा
- जसो
- जोबत
- कामता-राजुला
- खनियाधाना
- खिलचीपुर
- कोठी
- कुरवाई
- मैहर
- मकराइ
- मोहम्मदगढ़
- नागौद
- नरसिंघ्गढ़
- ओर्छा
- पाहड़ा
- पालदेव
- पन्ना
- पठारी
- पीपलोदा
- राजगढ़
- रत्लाम
- रेवा
- सैलाना
- सीतामऊ
- सोहावल
- ताराओं
- टोड़ी फतेहपुर
पूर्वी राज्य एजेंसी के राज्यों की वर्गित सूचि
[संपादित करें]पूर्वी राज्य एजेंसी का गठन सन1933 में ओड़िसा, छत्तिसगढ़ और बिगाली राज्यों की एजेंसिसों के विलय द्वारा हुआ था। इसके अंतर्गयत ओड़िसा, छत्तिसगढ़ और बंगाल एजेंसियों (अर्थात पूर्वी भारत की सारी रियासतें) के सारे राज्य आते थे।
ओड़िसा राज्य एजेंसी
[संपादित करें]छत्तिसगढ़ी राज्य एजेंसी
[संपादित करें]
बंगाल राज्य एजेंसी
[संपादित करें]कंपनी राज के दौरान पूरी तरह से विलित राज्य
[संपादित करें]- अनुगुल (१८४८)
- कर्नाटक की नवाबत (१८५५)
- बांदा (१८५८)
- गुलेर (१८१३)
- जयंतिया (१८३५)
- जातिपुर (१८४९)
- जालौन (१८४०)
- जसवान (१८४९)
- झांसी (१८५४)
- कछारी (१८३०)
- कांगड़ा (१८४६)
- कन्नौर (१८१९)
- कित्तूर (१८४८)
- कोडगू (१८३४)
- कुलाबा (१८४०)
- कोष़िकोड (१८०६)
- कुल्लू (१८४६)
- कर्नूल (१८३९)
- कुट्लेहार (१८२५)
- मकराइ (१८९०–१८९३)
- नागपुर (१८५४)
- नारगुंड (१८५८)
- अवध (१८५४)
- पंजाब (१८४९)
- रामगढ़ (१८५८)
- सहारनपुर (रियासत) (१८५८)
- संबलपुर (१८४९)
- सतारा (१८४८)
- सूरत
Ac (१८४२)
- सिबा (१८४९)
- तंजावुर मराठा राज्य (१८५५)
- तुल्सीपुर (१८४९)
- उदयपुर रियासत (छत्तीसगढ़) (१८५४–१८६०)
A
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- भारत में देशी रियासतें और उनका इतिहास (प्रवक्ता)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जुलाई 2015.
- ↑ http://www.wikipedia.org/wiki/List_of_princely_states_of_India
- ↑ http://www.almanachdegotha.org/id242.html Archived 2015-05-14 at the वेबैक मशीन http://internationalnobilityregister.page.tl/Princely-states-of-India.htm Archived 2015-04-04 at the वेबैक मशीन
- %*/&