बैरवा समाज

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बैरवा अथवा बेरवा भारतीय राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में रहने वाली [जमींदार जाति] है। इनका मुख्य व्यवसाय खेती से जुड़ा रहा है लेकिन उससे इन्हें हटा दिया गया। वर्ष 1946 में उनियारा में बैरवा महासभा ने कृषि नहीं जोड़ने के कानून के खिलाफ अभियान चलाया जो 1949 में कानून के रद्द होने तक चला।[1]

परम्परा[संपादित करें]

बैरवा और मीणा जनजाति में समरूप रीति-रिवाज रहे हैं क्योंकि बैरवा मुख्यतः पूर्वी राजस्थान में पाये जाते हैं जहाँ मीणा जनजाति का बाहुल्य है।[2] वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में उनकी जनसंख्या 429,627 थी[2] जो वर्ष 2011 की जनगणना के समय बढ़कर 1,260,685 हो गयी। इनकी पर्याप्त जनसंख्या मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में भी मिल जाती है।[3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. शर्मा, बृज किशोर (1987). Agrarian Movement in India (अंग्रेज़ी में). प्रतीक्षा पब्लिकेशन.
  2. सिंह, केएस (1 जनवरी 1998). Rajasthan. पोप्यूलर प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788171547661 – वाया गूगल बुक्स.
  3. "Bairwa - Google Search" (PDF).