बैगा (जनजाति)
बैगा, भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड प्रदेशों में पायी जाने वाली जनजाति है। मध्य प्रदेश के मंडला डिंडोरी तथा बालाघाट जिलों में बैगा लोग बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं। बिझवार, नरोतिया, भरोतिया, नाहर, राय भैना और काढ़ भैना इनकी कुछ उपजातियाँ हैं। सन् १९८१ की जनगणना के अनुसार उनकी संख्या 248,949 थी।
भाषा - ?
जनजाति का संबंध - द्रविड़ परिवार से है।
सकेन्द्रण :- पलामु प्रमण्डल, राँची, हजारीबाग, सिंहभूम दोत्र
समान एवं संस्कृति
यह रीति-रिवाज खरवार जनजाति के समान है।
संयुक्त परिवार व्यवस्था पायी जाती है।
बैंगा के सामुदायिक पचायत का मुखिया - मुकद्दम कहलाता है। (Mukkadam)
प्रमुख नृत्य :
कर्मा नृत्य
अन्य नृत्य jharput, विमला है।
पर्व-त्यौहार :
छः गोत्र
- इस जनजाति का प्रथम पर्व - चरेता बाल-बच्चों को भोजन देकर मनाया जाता है। ↓
- इस जनजाति में 9 वर्षों में रसनावा नामक पर्व
मानाया जाता है।
- इसके अतिरिक्त सरहुल, दशहरा, दीवाली, होली आदि भी मनाते हैं।
आर्थिक व्यवस्था
प्रमुख पेशा - वैध कार्य त्या तंत्र-मंत्र है। खाथ संग्रह व मजदूरी का कार्य भी करते हैं।
पेड-पौधों के अच्छे जानकार, भी है।
धार्मिक व्यवस्था
- प्रधान देवता - बड़ा देवता निवास स्थान साल हल
- पवित्र पशु - बाप
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- छत्तीसगढ़ की जातियाँ इस जनजाति में सूअर बलि का प्रचलन है तथा सिक्या नामक खीर विशेष महत्व रखती है