बेसल फलन

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बेसल के अवकल समीकरण के विहित हलों (canonical solutions) को बेसल फलन (Bessel function) कहते हैं। बेसल के अवकल समीकरण का सामान्य रूप नीचे दिया गया है-

इसमें α (जिसे बेसल फलन का 'आर्डर' कहते हैं) कोई वास्तविक या समिश्र संख्या है। सबसे आम और महत्वपूर्ण स्थितियाँ α के पूर्णांक अथवा अर्ध पूर्णांक मानों के लिये आती हैं।

इन फलनों की परिभाषा सर्वप्रथम बर्नौली (Daniel Bernoulli) ने की थी और बाद में बेसल (Friedrich Bessel) ने इनका सामान्यीकरण किया। बेसल फलनों को बेलन फलन (cylinder functions) या 'बेलन सन्नादी' (cylindrical harmonics) भी कहते हैं क्योंकि ये लाप्लास समीकरण को बेलनी निर्देशांक प्रणाली में बदलकर हल करने से प्राप्त होते हैं।

बेसल फलनों के उपयोग[संपादित करें]

लाप्लास समीकरण और हेल्महोल्त्स समीकरण (Helmholtz equation) का बेलनी निर्देशांक प्रणाली में या गोलीय निर्देशांक प्रणाली में जब विलगनीय हल (separable solutions) पाने की कोशिश की जाती है तो बेसल फलन सामने आता है। इस कारण बेसल फलन तरंग गति और स्थतिक विभव (static potentials) की समस्याओं के लिये विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। जब बेलनी निर्देशांक प्रणाली में समस्याओं के हल निकालने की कोशिश की जाती है तो पूर्णांक आर्डर वाले बेसल फलन (α = n) प्राप्त होते हैं; और जब गोलीय निर्देशांक में कल निकालते हैं तो अर्ध-पूर्णांक आर्डर (α = n + ½) वाले बेसल फलन मिलते हैं।

उदाहरण के लिये-

उपरोक्त के अलावा बेसल फलनों के अन्य गुण भी हैं जिनका अन्य प्रकार की समस्याओं में उपयोग किया जा सकता है; जैसे संकेत प्रसंस्करण (signal processing) में। (देखें एफ एम संश्लेषण (FM synthesis), कैसर विण्डो (Kaiser window) या बेसल फिल्टर)

बेसल फलनों के लिये व्यंजक (एक्सप्रेशन)[संपादित करें]

α = n (पूर्णांक) के लिये बेसल फलन को प्रथम प्रकार के बेसल फलन (Bessel functions of first kind) कहते हैं और इसे द्वारा निरूपित किया जाता है। यह एक अनन्त श्रेणी है -

निम्नलिखित फलन को द्वितीय प्रकार का बेसल फलन (Bessel functions of second kind) या न्यूमान फलन (Neumann function) कहते हैं।

निम्नलिखित फलन प्रथम प्रकार के बेसल फलनों का सामान्यीकृत रूप है जो &alpha के पूर्णांक एवं अपूरर्णांक सभी मानों के लिये पारिभाषित है।

जहाँ Γ(z) को गामा फलन (gamma function) कहते हैं जो फैक्टोरियल फलन का सामान्यीकृत रूप है।

0, 1 तथा 2 आर्डर वाले, प्रथम प्रकार के बेसल फलनों के ग्राफ

बेसल समाकल (Bessel's integrals)[संपादित करें]

के पूर्णांक मानों के लिये बेसल फलन की एक अन्य परिभाषा भी सम्भव है। यह परिभाषा समाकल का उपयोग करके दी जाती है-

एक अन्य समाकल निरूपण निम्नलिखित है-

इसी तरीके का प्रयोग बेसल ने मूलतः किया था और इसी परिभाषा से ही उन्होने इस फलन के अनेक गुण निकाले थे। इस परिभाषा को गैर-पूर्णंकों के लिये निम्न प्रकार से विस्तारित कर सकते हैं ( के लिये) :

[1][2][3][4]

या, के लिये, बेसल फलन को निम्नलिखित फलन द्वारा भी निरूपित कर सकते हैं-

बेसल फलनों के मूल[संपादित करें]

बेसल फलनों के मूल (zeroes) का ज्ञान कईस्थितियों में उपयोगी होता है। नीचे की सारणी में 0, 1 तथा 2 आर्डर वाले, प्रथम प्रकार के बेसल फलनों के तीन-तीन मूल दिये गये हैं-

1 2.4048 0 0
2 5.5201 3.8317 5.136
3 8.6537 7.0156 8.417

बेसल फलनों के गुण[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Watson, p. 176 Archived 2013-05-28 at the वेबैक मशीन
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 सितंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 फ़रवरी 2012.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 फ़रवरी 2012.
  4. Arfken & Weber, exercise 11.1.17.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]