बेल्लूर कृष्णमचारी सुंदरराज अयंगार

बेल्लूर कृष्णमचारी सुंदरराज अयंगार (अंग्रेज़ी: Bellur Krishnamachar Sundararaja Iyengar; १४ दिसम्बर १९१८ – २० अगस्त २०१४) भारत के अग्रणी योग गुरु थे। उन्होंने अयंगारयोग की स्थापना की तथा इसे सम्पूर्ण विश्व में मशहूर बनाया। सन २००२ में भारत सरकार द्वारा उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से तथा 2014 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।[1] [2] 'टाइम' पत्रिका ने 2004 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया था। अंयगार ने जिन लोगों को योग सिखाया, उनमें जिद्दू कृष्णमूर्ति, जयप्रकाश नारायण, येहुदी मेनुहिन जैसे नाम सम्मिलित हैं। आधुनिक ऋषि के रूप में विख्यात अयंगार ने विभिन्न देशों में अपने संस्थान की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की। यूरोप में योग फैलाने में वे सबसे आगे थे।
परिचय
[संपादित करें]कर्नाटक के बेल्लूर में 1918 में पैदा हुए अयंगार 1937 में महाराष्ट्र के पुणे चले आए और योग का प्रसार करने के बाद 1975 में योगविद्या नाम से अपना संस्थान शुरू किया जिसकी बाद में देश विदेश में कई शाखाएं खोली गयीं।
कृतियाँ
[संपादित करें]- लाइट ऑन योग,
- लाइट ऑन प्राणायाम
- लाइट ऑन योग सूत्र ऑफ पतंजलि
'लाइट ऑफ योगा' का 18 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "पद्म पुरस्कारों की घोषणा, डॉ॰ माशेलकर को पद्म विभूषण". नवभारत टाईम्स. 25 जनवरी 2014. Archived from the original on 2 फ़रवरी 2014. Retrieved 29 सितंबर 2014.
- ↑ "योग के इंटरनेशनल ब्रांड ऐम्बैसडर का निधन". बीबीसी हिन्दी. २० अगस्त २०१४. Archived from the original on 22 अगस्त 2014. Retrieved २० अगस्त २०१४.