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बृहत्त्रयी

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वृहत्त्रयी से तात्पर्य आयुर्वेद के तीन महान ग्रंथों के समूह से है। ये तीन ग्रंथ हैं-

  1. चरकसंहिता
  2. सुश्रुतसंहिता
  3. अष्टांगहृदयम (वाग्भटकृत)

किन्तु संस्कृत काव्य में बृहत्त्रयी से तात्पर्य किरातार्जुनीयम्, शिशुपालवध एवं नैषधीयचरित से है, और आज के समय मे यही अर्थ प्रसिद्धि पाए हुए हैं।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  • Gerrit Jan Meulenbeld|G. J. Meulenbeld, A History of Indian Medical Literature, Groningen, 1999—2002.