बुशरा इजाज़

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बुशरा इजाज़ (जन्म: 18 जून 1959) पाकिस्तान की प्रसिद्ध लेखिका है।

परिचय[संपादित करें]

वह सायरा, गल्प्कार और रोज़नामा 'नई बात' की कॉलम निगार है। बुशरा इजाज़ पाकिस्तानी पंजाबी साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिये हैं। जिसने पिछले थोड़े समय में ही पूर्वी पंजाबी के समीक्षकों का ध्यान खिंचा है। वह मूल रूप से उर्दू भाषा की लेखिका है। परन्तु पूर्वी और पश्चिमी पंजाब के अदान-प्रदान द्वारा उपलब्ध मौकों ने उसे उर्दू से पंजाबी में आने हेतु प्रेरित किया। बुशरा इजाज़ का जन्म 18 जून 1959 को कोट फ़ज़ल, ज़िला सरगोधा, पाकिसतानी पंजाब में हुआ हैं। सातवीं जमात में पढ़ते 12 साल की उम्र में उसका विवाह चौधरी इज़ाज अहमद से हो गया। बच्चों की पढ़ाई के लिए वह लाहौर आ गई। उसने अपनी पढ़ाई भी शुरू कर दी। वह बी.ए. तक तालीम हासिल की।

साहित्यिक सफ़र[संपादित करें]

बुशरा इजाज़ ने अपना साहित्यक सफ़र 1989-90 से शुरू किया। लिखने की शुरूआत उसने उर्दू ज़बान में की थी। इजाज़ की ज़िंदगी की अहम घटना छोटी उम्र में शादी का हो जाना और माँ से दूर होना था। यह अकेलापन उसको शायरी की दरगाहा तक ले गया। वह कहती है, "माँ की मोहब्बत उसकी लेखनी का मुख्य मुद्दा है"।


सन्दर्भ[संपादित करें]