बुरुशस्की
| बुरुशस्की Burushaski / بروشسکی | |
|---|---|
| मूल स्थान | गिलगित-बल्तिस्तान, पाक-अधिकृत कश्मीर |
| क्षेत्र | हुन्ज़ा-नगर, उत्तरी ग़िज़र, उत्तरी गिलगित |
| समुदाय | बुरुशो लोग |
मातृभाषियाँ | (गिलगित-बल्तिस्तान में 87,000 श्रीनगर में 300 cited 2000)[1] |
| उपभाषाएँ |
|
| भाषा कोड | |
| ISO 639-3 | bsk |
| ग्लोटोलॉग | buru1296 |
| ELP | Burushaski |
बुरुशस्की एक भाषा है जो पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के उत्तरी भागों में बुरुशो समुदाय द्वारा बोली जाती है।[2][3] यह एक भाषा वियोजक है, यानि विश्व की किसी भी अन्य भाषा से कोई ज्ञात जातीय सम्बन्ध नहीं रखती और अपने भाषा-परिवार की एकमात्र ज्ञात भाषा है। सन् २००० में इसे हुन्ज़ा-नगर ज़िले, गिलगित ज़िले के उत्तरी भाग और ग़िज़र ज़िले की यासीन व इश्कोमन घाटियों में लगभग ८७,००० लोग बोलते थे। इसे जम्मू और कश्मीर राज्य के श्रीनगर क्षेत्र में भी लगभग ३०० लोग बोलते हैं।[4][5] भारत में बुरुशस्की के अलावा केवल मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के सीमावर्ती बुलढाणा क्षेत्र की निहाली भाषा ही दूसरी ज्ञात भाषा वियोजक है।[6]
लिंग
[संपादित करें]हिन्दी में दो लिंग होते हैं: स्त्रीलिंग और पुल्लिंग। संस्कृत में तीन होते हैं: स्त्रीलिंग, पुल्लिंग और नपुंसकलिंग। बुरुशस्की में चार लिंग होते हैं जिनसे संज्ञाओं का रूप बदला जाता है:
- स्त्रीलिंग
- पुल्लिंग
- पशुओं व गिनी जा सकने वाली चीज़ों का लिंग, जैसे कि फल
- अवधारणाओं व न गिनी जा सकने वाली चीज़ों का लिंग, जैसे कि पानी
बहुवचन
[संपादित करें]लिंग के आधार पर संज्ञाओं को बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में अलग-अलग प्रत्यय जोड़े जाते हैं:
- स्त्रीलिंग व पुल्लिंग: -तिंग, -आरो, -दारो, -तारो, -त्सारो
- स्त्रीलिंग, पुल्लिंग व गिनी जा सकने वाली चीज़ें: -ओ, -इशो, -को, -इको, -जुको; -ओनो, -ऊ; -ई, -अई; -त्स, -उत्स, -मुत्स, -उमुत्स; -न्त्स, -अन्त्स, -इन्त्स, -इअन्त्स, -इन्गन्त्स, -एन्त्स, -ओन्त्स
- न गिनी जा सकने वाली चीज़ें: -न्ग, -अन्ग, -इन्ग, -इअन्ग; -एन्ग, -ओन्ग, -ओन्गो; -मिन्ग, -चिन्ग, -इचिन्ग, -मिचिन्ग, -इचन्ग (नगर की उपभाषा)
उदाहरण के लिए:
- हिर (पुरुष) → हुरी (बहुवचन पुरुष)
- गुस (स्त्री) → गुशिन्गा (स्त्रियाँ)
- दसीन (कन्या) → दसेयू (कन्याएँ)
- हुक (कुत्ता) → हुका (कुत्ते)
रूप
[संपादित करें]संस्कृत की तरह बुरुशस्की में भी संज्ञाओं में कारक रूप देखे जा सकते हैं:
| कारक | प्रत्यय | उदाहरण |
|---|---|---|
| का, के, की | -ए | हुन्ज़ु-ए थाम (अर्थ: हुन्ज़ा का अमीर) हिर (आदमी) → हिरे (आदमी का) |
| का, के, की | -ए, -मो (स्त्री॰) | गुस (औरत) → गुसमो (औरत का) |
| को | -आर, -र | हिर (आदमी) → हिरार (आदमी को) गुस (औरत) → गुसमुर (औरत को) |
| से | -उम, -म, -मो | हुन्ज़ुम (हुन्ज़ा से, अर्थात: हुन्ज़ा का रहने वाला) |
सर्वनाम व उपसर्ग
[संपादित करें]बुरुशस्की में शरीर के अंगों और सम्बन्धी लोगों को बिना उनका बोलने वाले वाचक से सम्बन्ध बताए सम्बोधित नहीं करा जा सकता। यानि केवल "माँ" के लिए कोई शब्द नहीं है, बल्कि "मेरी माँ", "तेरी/तुम्हारी/आपकी माँ" या "उसकी/उनकी माँ" कहना पड़ता है, जिसमें पहले उपसर्ग और फिर माँ के लिए मूल जड़ (जो "मी") है जोड़े जाते हैं:
- इ-मी - उसकी माँ
- मु-मी - उनकी माँ (यानि किन्ही एक से अधिक लोगों की माँ)
- ऊ-मी - तेरी/तुम्हारी/आपकी माँ
- ऊ-मी-त्सारो - उनकी माएँ
संख्याएँ
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बुरुशस्की एक विंशाधारी भाषा है, यानि इसमें संख्याएँ बीस की समूहों में संगठित करी जाती हैं और चालीस के लिए शब्द "दो-बीस" के बराबर है।[7]
- १ - हेन / हान / हेक
- २ - अल्तो / अल्तान
- ३ - इस्को / इस्के / इस्की
- ४ - वाल्तो / वाल्ते
- ५ - चिन्दो
- ६ - मिशिन्दो / बिशिन्दो
- ७ - थलो
- ८ - अल्ताम्बो
- ९ - हुचो / हुन्चो / हुती
- १० - तोरुम / तूरिमी / तूरमा
- ११ - तूरमा-हेन
- १२ - तूरमा-अल्तो
- १३ - तूरमा-इस्को
- १८ - तूरमा-अल्ताम्बो
- १९ - तूरमा-हुती
- २० - आल्तर
- ३० - आल्तर-तोरुम (यानि बीस-और-दस)
- ३१ - आल्तर-तोरुम-हेन
- ४० - अल्तो-आल्तर (यानि दो-बीस)
- ५० - अल्तो-आल्तर-तोरुम (यानि दो-बीस-और-दस)
- ६० - इस्की-आल्तर (यानि तीन-बीस)
- ७० - इस्की-आल्तर-तोरुम (यानि तीन-बीस-और-दस)
- ८० - वाल्ते-आल्तर (यानि चार-बीस)
- ९० - वाल्ते-आल्तर-तोरुम (यानि चार-बीस-और-दस)
- १०० - था
- १००० - हज़ार
- १९९९ - हज़ार हुती-था वाल्ते-आल्तर तूरमा-हुती (यानि हज़ार नौ-सौ चार-बीस-और-दस-नौ)
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ बुरुशस्की
Burushaski / بروشسکی at Ethnologue (18th ed., 2015) - ↑ Laurie Bauer, 2007, The Linguistics Student’s Handbook, Edinburgh
- ↑ "Encyclopedia - Britannica Online Encyclopedia". Original.britannica.com. अभिगमन तिथि: 2013-09-14.
- ↑ "Dissertation Abstracts". Linguist List. 2 फ़रवरी 2017 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 2013-09-14.
- ↑ "Copyright by Sadaf Munshi, 2006" (PDF). Repositories.lib.utexas.edu. मूल से (PDF) से 2 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 2013-09-15.
- ↑ Nagaraja, K.S. (2014). The Nihali Language. Manasagangotri, Mysore-570 006, भारत: Central Institute of Indian Languages. ISBN 978-81-7343-144-9.
- ↑ "Burushaski: An Extraordinary Language in the Karakoram Mountains Archived 2017-02-02 at the वेबैक मशीन," Dick Grune, Vrije Universiteit Amsterdam, The Netherlands, 1998