बीबी खेम कौर ढिल्लों
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| खेम कौर | |
|---|---|
| सिख साम्राज्य की महारानी | |
| जन्म | 1805 गुजरांवाला, सिख साम्राज्य |
| निधन | अमृतसर, ब्रितानी भारत |
| जीवनसंगी | खड़क सिंह (वि॰ 1815-1840, पति का निधन 1840) |
| घराना | सुकेरचकिया (विवाह से) |
| पिता | जोध सिंह ढ़िल्लों कलालवाला |
महारानी खेम कौर ढ़िल्लों (पंजाबी ਬੀਬੀ ਖੇਮ ਕੌਰ ਢਿੱਲੋਂ) सिख रानी थी जो सिख साम्राज्य के दूसरे महाराजा महाराजा खड़क सिंह की दूसरी पत्नी थीं।[1]
वो जोध सिंह कलालवाला की पुत्री एवं साहिब सिंह ढ़िल्लों की पोत्री थी। जुलाई 1815 में उनका विवाह सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह एवं उनकी पटरानी दातार कौर के बड़े पुत्र खड़क सिंह के साथ हुआ।[2]
उन्होंने अपने भाइयों गुर्दित सिंह एवं चंदा सिंह के साथ 1848 के विद्रोह में खालसा सेना का सहयोग किया था।[3]
वर्ष 1849 में द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध में उनके योगदान के कारण उनकी जागीर को पर्याप्त रूप से छोटा कर दिया क्योंकि उन्हें ब्रितानी विरोधी माना गया।[4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अटवाल, प्रिया (2021-01-15). Royals and Rebels: The Rise and Fall of the Sikh Empire [रॉयल्स और विद्रोही: सिख साम्राज्य का उदय और पतन] (अंग्रेज़ी भाषा में). ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस. ISBN 978-0-19-756694-7.
- ↑ Umdat Ul Tawarikh
- ↑ अहलुवालिया, एम॰ एल॰ (1996). Land Marks in Sikh History: A Fully Researched and Documented History, 1699-1947 (अंग्रेज़ी भाषा में). अशोका इंटरनेशनल पब्लिशर्स.
- ↑ अटवाल, प्रिया (2020-11-01). "Royals and Rebels" [शाही और विद्रोही]. डीओआई:10.1093/oso/9780197548318.001.0001. ISBN 978-0-19-754831-8.
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