भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

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भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड
प्रकार सार्वजनिक
स्थापना बंगलुरु, भारत (१९५४)
मुख्यालय भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, बंगलुरु
स्थान संख्या ९ निर्माणियां
प्रमुख व्यक्ति अश्विनी कुमार दत्त, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक
उत्पाद सैन्य, असैन्य एवं अन्य उत्पाद
राजस्व रु ४११४ करोड़ (मार्च २००८) वृद्धि ४.१% (२००७ से)[1]
निवल आय रु.११०९ करोड़ (मार्च २००८) वृद्धि ५.४% (२००७ से)[1]
कर्मचारी १२,३७२ (मार्च, २००८[1]
वेबसाइट www.bel-india.com/

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सैन्य एवं नागरिक उपकरण एवं संयंत्र निर्माणी है। सन १९५४ में सैन्य क्षेत्र की विशेष चुनौतीपूर्ण आवश्यकताऐं पूरी करने हेतु भारत सरकार द्वारा रक्षा मन्त्रालय के अधीन इसकी स्थापना की गई थी। इलेक्ट्रानिक उपकरण व प्रणालियों का विकास तथा उत्पादन देश में ही करने के उद्देश्य से इसका पहला कारखाना बंगलुरू में लगाया गया था, किन्तु आज यह अपनी नौ उत्पादन इकाईयों, कई क्षेत्रीय कार्यालय तथा अनुसन्धान व विकास प्रयोगशालाओं से युक्त सार्वजनिक क्षेत्र का एक विशाल उपक्रम है, जिसे अपने व्यावसायिक प्रदर्शन के फलस्वरूप भारत सरकार से नवरत्न उद्योग का स्तर प्राप्त हुआ है।

शाखाएं

बंगलुरू में मुख्य नैगमिक कार्यालय तथा एक विशाल उत्पादन इकाई के अतिरिक्त अन्य उत्पादन इकाईयाँ गाजियाबाद (उ०प्र०), पंचकुला (हरियाणा), कोटद्वार (उत्तरांचल), हैदराबादमछलीपत्तनम (आन्ध०), नवी मुंबईपुणे (महाराष्ट्र), तथा चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थापित हैं। देश में कई क्षेत्रीय विक्रय केन्द्रों सहित न्यूयार्कसिंगापुर में भी इसके कार्यालय हैं। अपनी स्थापना के बाद से ही सतत उन्नति करते हुए भा.इ.लि. ने विश्व में बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-उत्पाद, व बहु-इकाई वाले उद्यम के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

उत्पाद

भा.इ.लि. सेना के लिये रडार, संचार प्रणली, नौसेन्य प्रणालियाँ, इलेक्ट्रानिक युद्ध प्रणालियाँ, दूर संचार, दृश्य-श्रव्य प्रसारण, टैंक इलैक्ट्रानिकी, आप्टो इलैक्ट्रानिकी, सौर प्रकाश वोल्टीय प्रणालियाँ तथा अन्तस्थ सोफ्टवेयर (इम्बेडेड सॉफ्टवेयर) आदि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आधारित उत्पाद प्रदान करती है। भा.इ.लि. ने समय-समय पर भारतीय तेल निगम, भारतीय रेलवे, दूरदर्शन तथा मौसम विभाग आदि के लिये वाँछित इलेक्ट्रानिक उपकरणों का भी निर्माण किया है। असैनिक उत्पाद में इलेक्ट्रानिक मतदान मशीन, सौर ऊर्जा चालित यातयात संकेत, सिम्प्यूटर तथा सेट टाप बाक्स आदि का उल्लेखनीय स्थान है। बेल ने कम लागत का एक टैबलेट भी बनाया है जिसका उपयोग भारत की जनगणना २०११ के अन्तर्गत सोशियो-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस वाले चरण में किया गया था।

संयुक्त उपक्रम

भा.इ.लि. का एक संयुक्त उपक्रम सन १९७७ में जनरल इलेक्ट्रानिक्स मेडिकल सिस्टम के साथ स्थापित हुआ, जिसमे समस्त विश्व में निर्यात के लिये एक्सरे ट्यूब्स, डिटेक्टर मोड्यूल्स सहित सी.टी. प्रणालियों के लिये उच्च वोल्टता टैंक जैसे घटक बनते हैं। दूसरा संयुक्त उपक्रम मल्टीटोन, यू॰के॰ से मिलकर बी.ई.एल. मल्टीटोन नाम से बनाया गया, जिसमे कार्यस्थलों के लिये उपयोगी अति उन्नत मोबाइल संचार उपकरण तथा डिजिटल संचार प्रणालियाँ बनाये जाते हैं। स्थापना से आज तक निरन्तर लाभ अर्जित करने वाला सरकारी क्षेत्र का यह उद्यम सैन्य क्षेत्र के अतिरिक्त नागरिक क्षेत्र को भी अपने व्यावसायिक कौशल का लाभ प्रदान करने में पीछे नहीं रहा।

श्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्वकाल में दूसरे परमाणु परीक्षण के विरोध में समूह-२० के सदस्य देशों ने भारत पर जो आर्थिक/तकनीक सम्बन्धी प्रतिबन्ध लगाए, भा.इ.लि. को सैन्य सामग्री सम्बन्धी उद्योग होने के नाते उन प्रतिबन्धों के फलस्वरूप बहुत हानि उठानी पड़ी थी। प्रतिबन्धों का सकारात्मक प्रभाव भी हुआ कि भा.इ.लि. ने स्वदेशी तकनीक के विकास की गति को तेज करने पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया। देश में वैश्वीकरण की नीति के पश्चात अपनी कुशल प्रबंधकीय क्षमता व प्रतिबद्ध कार्मिक दल के बल पर विकसित देशों की कम्पनियों से प्रतिस्पर्धा में भी अभी तक भा.इ.लि. सफल रही है।

सामाजिक दायित्व व पर्यावरण रक्षा

भा.इ.लि. द्वारा प्रति वर्ष अपने आर्थिक संसाधनों का कुछ अंश अपनी इकाइयों वाले नगरों में समाज सेवा के उद्देश्य से स्थानीय प्रशासन को जनसेवार्थ विभिन्न प्रकल्पों हेतु समय-समय पर प्रदान किया जाता है। मानसिक तौर पर अक्षम बच्चों के लिये स्कूल, अस्पताल, शिशुग्रह, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नेत्रहीनों के लिये विद्यालय आदि परियोजनाऐं चलाई जा रही हैं। कई नगरों में स्वयँनिर्मित सौर ऊर्जा चालित ट्रेफिक संकेत निशुल्क लगाए गए, जिन्हे अपनी गुणवत्ता के फलस्वरूप स्थानीय जनता की भारी सराहना मिली।

पर्यावरण रक्षा के लिए प्रतिबद्ध भा.इ.लि. के कारखाने जल, वायु तथा ध्वनि प्रदूषण अर्थात प्रत्येक प्रदूषण से पूर्णत् मुक्त हैं। इसे पर्यावरण विभागीय जाँच में 'शून्य प्रदूषण उद्योग' करार दिया गया है। अपना शून्य प्रदूषण उद्योग का स्तर बरकरार रखने के लिये भा.इ.लि. सतत् प्रयत्नशील व सजग है।

सन्दर्भ

  1. "March 2008 Press Release (PDF)"

बाहरी कड़ियाँ