बिलगे ख़ागान

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ओरख़ोन नदी के पास खड़ा की गई ऐसी शिलाएँ बिलगे ख़ागान के लिए स्मारक थीं और इनपर पुरानी तुर्की भाषा की सबसे प्राचीन ज्ञात लिखाई है

बिलगे ख़ागान (Bilge Qaghan, जन्म: ६८३ या ६८४ ईसवी, मृत्यु: ७३४ ईसवी) गोएकतुर्क ख़ागानत का एक ख़ागान (सर्वोच्च ख़ान शासक) था। उसके कारनामों का बखान प्रसिद्ध ओरख़ोन शिलालेखों में मिलता है।

नाम[संपादित करें]

जैसा कि उस ज़माने के तुर्की शासकों में रस्मी था, बिलगे का वास्तविक नाम कुछ और था और शासक बनने के बाद कुछ और रखा गया। उसका व्यक्तिगत नाम चीनी सूर्त्रों के हवाले से अशीना मोजिलियान (阿史那默棘連, Ashǐnà mòjílián) था लेकिन ख़ागान बन जाने के बाद उसका पूरा औपचारिक राजसी नाम 'तेंगिरितेग तेंगिरिदे बोल्मुश तुरुक बिलगे ख़ागान' बना, जो पुरानी तुर्की लिपि में (Teŋiriteg Teŋiride bolmuš Türük Bilge qaγan) लिखा जाता था।[1] ध्यान दें कि इस नाम में मंगोल लोगों के पारम्परिक देवता तेन्ग्री का नाम भी सम्मिलित है।

राजकाल[संपादित करें]

७१६ में गोएकतुर्कों के दुसरे ख़ागान, ख़ापागान ख़ागान (Qapaghan Qaghan) को तोक़ुज़ ओग़ुज़ (Toquz Oghuz) नामक नौ तुर्की क़बीलों के परिसंघ ने मार डाला और उसका कटा हुआ सिर चीनी राजदूत के साथ चीन के चांगआन शहर भेजा।[2] इसके बाद उसका बेटा इनेल ख़ागान (Inel Qaghan) गद्दी पर बैठा हालाँकि यह हक़ उसके चचेरे भाई मोजिलन का बनता था। मोजिलन के भाई और सेना के सिपहसलार कूल तेगिन (Kul Tegin) ने इनेल के खिलाफ़ विद्रोह किया और उसे मारकर मोजिलन को गद्दी पर बैठाया। उसका नया राजसी नाम 'बिलगे ख़ागान' रखा गया जिसका मतलब 'समझदार मुखिया' था।

बिलगे का साम्राज्य कैस्पियन सागर से मंचूरिया के विशाल स्तेपी क्षेत्र पर विस्तृत था। उसने चीन के पश्चिमी इलाक़ों पर भी हमला करके उन्हें हथिया लिया। लेकिन उसने फिर चीन के तंग राजवंश से शांति बहाल करनी चाही और चीनी सम्राट से एक चीनी राजकुमारी की मांग करी ताकि दोनों देशों में सम्बन्ध कायम हो सकें। चीनी सम्राट राज़ी हो गया लेकिन इस दौरान बिलगे को बुयरुक चोर (Buyruk Chor) नामक आदमी ने ज़हर दे दिया जिस से बिलगे मरने लगा। ऐतिहासिक स्रोतों से यह ज्ञात नहीं है कि उसने बिलगे को विष क्यों दिया लेकिन यह पता है कि बुयरुक दूत बनकर चीन एक से अधिक दफ़ा गया था तो हो सकता है कि चीनियों ने छुपकर चाल चली हो। बिलगे मर गया लेकिन मरते-मरते उसने बुयरुक के पूरे परिवार को भी मरवा कर दंड दिया।[2]

बिलगे के लिए स्मारक के रूप में ओरख़ोन नदी के पास शिलाएँ खड़ी की गयी जिसपर इतिहास के सबसे पुराने ज्ञात तुर्की भाषा के लेख हैं और जिन्हें ओरख़ोन शिलालेखों के नाम से जाना जाता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Ethno Cultural Dictionary, TÜRIK BITIG". मूल से 1 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मई 2012.
  2. The Turks: Early agesVolume 1 of The Turks, Cem OÄŸuz, ISBN 975-6782-55-2, 9789756782552The Turks: Early ages Archived 2011-06-28 at the वेबैक मशीन, Hasan Celāl Güzel, Cem Oğuz, Osman Karatay, Yeni Türkiye, 2002, ... His cut head was taken to China by Ho Ling-ch'iian, the Chinese envoy, who was with the Bayirkus at the time ... Bilge repeatedly stated his wish to marry a Chinese princess. When the Emperor Hsiiang-tsung accepted, he sent Ko-chie-li-pi to thank, and offered to begin the marriage preparations ... There are no records in the sources as to why he poisoned Bilge. However, Buyruk Chor has gone to China a few times as an envoy ...