बाला बोधिनी

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1 जनवरी 1874 को भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने बाला बोधिनी पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्भ किया था।[1][2] यह हिंदी मासिक पत्रिका बनारस से प्रकाशित होती थी। यह महिलाओं से संबंधित थी। इसके संदर्भ में रामचंद्र शुक्ल लिखते हैं कि- "संवत् १९३१ में भारतेंदु जी ने स्त्री शिक्षा के लिये 'बालबोधिनी' निकाली थी।"[3]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  1. स्त्रीबोध

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Mahila Patrakarita. Prabhāta Prakāśana. 2012. पपृ॰ 37–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5048-118-9.
  2. Patrkaarita Evam Jansanchaar. Upkar Prakashan. पपृ॰ 65–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7482-986-3.
  3. आचार्य रामचन्द्र, शुक्ल (2013). हिंदी साहित्य का इतिहास. इलाहाबाद: लोकभारती प्रकाशन. पृ॰ 315-316.