बाबा बुदन गिरी रेंज

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शास्त्रों में चंद्रद्रोण पर्वतश्रेणी नाम से मशहूर चिकमंगलूर की इस पर्वतमाला को स्थानीय निवासी बाबा बुदनगिरि की पहाड़ियों के नाम से पहचानते हैं। हरात दादा, हयात कलंदर या बाबा बुदन अरब प्रदेश से आए हुए एक सूफी पीर थे। सदियों पहले बाबा बुदन यमन देश से कॉफी के सात बीज अपने साथ ले आए और इसी पहाड़ी पर सबसे पहला बीज बोकर उन्होंने भारत को 'कॉफी संस्कृति' की भेंट दी। इस खूबसूरत पहाड़ी पर आप गाड़ी और ट्रेकिंग के माध्यम से पहुंच सकते हैं। उल्लेखनीय है कि बाबा बुदनगिरि के सरल और चिह्नित रूट पर बिना किसी गाइड की मदद के या फिर स्थानीय निवासियों के साथ ट्रेकिंग की जा सकती है। उल्लेखनीय हैं कि मुलयनगिरि तथा बाबा बुदनगिरि की चोटियां 6317 फीट की ऊंचाई के साथ कर्नाटक राज्य के उच्चत्तम शिखर हैं।इसकी srvocha चोटी मलयनगिरी है