बाइज़ेन्टीनी–बुल्गारियाई युद्ध

बाइज़ेन्टीनी–बुल्गारियाई युद्ध बाइज़ेंटाइन साम्राज्य और बुल्गारिया के बीच लड़े गए संघर्षों की एक शृंखला थी जो 680 ई॰के बाद बाल्कन प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों पर बुल्गारों द्वारा विजय प्राप्त करने के बाद शुरू हुई।[1] अगली शताब्दी में भी बाइज़ेन्टीनी और प्रथम बल्गेरियाई साम्राज्य के बीच संघर्ष जारी रहा जिसमें उन्हें तब तक सफलता नहीं मिली जब तक क्रुम के नेतृत्व में बल्गेरियाई लोगों ने बाइज़ेन्टीनियों को कई बार बुरी तरह पराजित नहीं कर दिया। सन् 814 में क्रुम की मृत्यु के बाद उसके बेटे ओमुरताग ने तीस साल की शांति संधि पर बातचीत की।[2] शिमोन प्रथम ने सन् 893 से 927 तक अपने शासन के दौरान बाइज़ेन्टीनी के विरुद्ध कई सफल अभियान चलाये।
असपारुह का युद्ध
[संपादित करें]बाइज़ेन्टीनियों का पहली बार बुल्गारिया के संस्थापकों (बुल्गारों) के साथ टकराव तब हुआ जब खान कुब्रत के सबसे छोटे बेटे असपारुह ने पश्चिम की ओर बढ़ते हुए आज के दक्षिणी बेस्सारबिया पर कब्जा कर लिया।
असपारुह ने स्थल और समुद्री अभियान के माध्यम से कॉन्स्टेंटाइन चतुर्थ के अधीन बाइज़ेन्टीन को पराजित किया तथा ओंगाला में उसके किलेबंद शिविर पर सफलतापूर्वक घेरा डाला। खराब स्वास्थ्य के कारण सम्राट को सेना छोड़नी पड़ी जिससे सेना घबरा गई और बुल्गारों से पराजित हो गई। 681 में कॉन्स्टेंटाइन को मोएशिया में बल्गेरियाई राज्य को स्वीकार करने और बाइज़ेन्टीन थ्रेस में आगे के आक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा राशि का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "The Byzantine-Bulgarian Wars | World History". courses.lumenlearning.com.
- ↑ "The Byzantine–Bulgarian wars". dbpedia.org.
- ↑ "Khan Asparuh Street". City Quest.