बलदेव (कस्बा)

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बलदेव मथुरा का एक उप नगर (कस्वा) है, जिसका कि लगभग एक घंटे का रास्ता है। बलदेव बस अथवा कार से जाया जा सकता है। यह मथुरा जिला मुख्यालय से २० किलोमीटर दूर है। जो कि दक्षिण पूर्व मैं मथुरा सादाबाद रास्ते पर महावन तहसील से ८.५ किलोमीटर स्थित है यहाँ प्राइवेट एवं रोडवेज बस से भी पंहुंचा जा सकता है। बलदेव कस्वा का नाम कृष्ण के बड़े भाई बलराम के नाम पर रखा गया है। बल्देव कृष्ण के बड़े भाई बलराम के मंदिर के लिए भी प्रसिध है, जिसका निर्माण दिल्ली के एक बड़े वास्तुकार श्यामदास ने आज से २०० वर्ष पूर्व कराया था, मंदिर मैं बलराम एवं उनकी पत्नी रेवती की दो अलग अलग प्राचैन प्रतिमाएँ स्थित हैं, इतिहास कहता है कि बलराम की दुर्लभ प्रतिमा मंदिर के पास मैं ही स्थित तालाब से निकली थी। जिसका नाम क्षीरसागर या बलभद्र kund है। यहाँ साल मैं दो प्रमुख मेले लगते हैं हिंदी महीने भाद्रपद शुक्लपक्ष की छठ को बलराम के जन्म उत्सव के रूप मैं जिसे देव छठ कहते हैं एवं अन्य दूसरा मेला अगहन पूर्णिमा को शुरू होता है जिसमें आस-पास के ग्रामीण इकठ्ठे होते हैं। यहाँ होली पर भी रोंचक होली उत्सव मनाया जाता है। जिसे काफा तादाद मैं लीग देखने जुटते हैं। बलदेव जाते समय कई अन्य एतिहासिक धार्मक स्थल जैसे गोकुल, महावन, ब्रह्माण्ड घाट, रमणरेती आदि देखने को मिलते हैं।