बतूल बेगम
बतूल बेगम | |
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राष्ट्रीयता | भारतीय |
उपनाम | बतूल बेगम |
पेशा | लोक गायिका |
प्रसिद्धि का कारण | मांड और भजन गायन |
पुरस्कार |
नारी शक्ति सम्मान (2021) पद्म श्री (2025) |
बतूल बेगम भारत के राजस्थान के जयपुर की एक लोक संगीत गायिका हैं। वह मांड और भजन गाती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो चुकी हैं।[1] वह ढोल, ढोलक और तबला जैसे वाद्ययंत्र बजाती हैं।[2]
जीवनी
[संपादित करें]बतूल बेगम का जन्म राजस्थान के डीडवाना जिले के केराप गांव में हुआ था।[3] उन्होंने पाँचवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया था।[4] वह राजस्थान के मिरासी समुदाय से संबंध रखती हैं।[3]
उनकी मांड गायकी की रुचि पारिवारिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन भजन इसके विपरीत हैं। जब वह आठ वर्ष की थीं, तब वे अपने दोस्तों के साथ हर दिन नागौर के केराप गांव स्थित ठाकुर जी के मंदिर के सामने जाती थीं, जिससे उन्हें भजनों के प्रति रुचि विकसित हुई।[4] बाद में, उन्होंने स्वयं भजन गाना शुरू किया।[4]
करियर
[संपादित करें]मांड और भजन शैली की लोकगायिका बेगम भारतीय वाद्ययंत्रों जैसे तबला, ढोलक और ढोल भी बजाती हैं।[5] मुस्लिम परिवार में जन्मी और हिंदू भजन गाने की शुरुआत करने वाली बेगम अपने गीतों के माध्यम से सामुदायिक एकता का संदेश देती हैं।[3]
भारत के विभिन्न मंचों के अलावा, बतूल बेगम ने फ्रांस, जर्मनी, ट्यूनिशिया, इटली, स्विट्ज़रलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन सहित भारत के बाहर 56 देशों में प्रस्तुति दी है।[4] वह बॉलीवुड क्लेज़मर नामक एक अंतरराष्ट्रीय फ्यूजन लोक संगीत बैंड की सदस्य हैं, जिसमें विभिन्न धर्मों के कलाकार विभिन्न संस्कृतियों का संगीत प्रस्तुत करते हैं।[5][6]
व्यक्तिगत जीवन
[संपादित करें]बेगम का विवाह 16 वर्ष की उम्र में हुआ था।[4] उनके पति, फिरोज खान, एक बस कंडक्टर थे। बतूल बेगम को तीन बेटे हैं।[4] वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ विद्याधर नगर, जयपुर में रहती हैं।[3]
पुरस्कार और सम्मान
[संपादित करें]बतूल बेगम को 2022 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 2021 का नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया गया।[7] जनवरी 2025 में, उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।[8] बेगम को फ्रांस और ट्यूनिशिया की सरकारों द्वारा भी सम्मानित किया गया है।[4] अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 के अवसर पर, उन्हें GOPIO अचीवर्स अवार्ड - 2021 और प्रमाण पत्र उत्कृष्टता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।[4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "कौन हैं बतूल बेगम जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति कोविंद ने किया सम्मानित". डीएनए इंडिया. 8 मार्च 2022. अभिगमन तिथि: 21 मार्च 2022.
- ↑ कैंथोला, दीपांशु (8 मार्च 2022). "राष्ट्रपति ने 2020, 2021 के लिए नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किए". तत्सत क्रॉनिकल पत्रिका. अभिगमन तिथि: 21 मार्च 2022.
- ↑ अ आ इ ई भारत, ई.टी.वी. (25 जनवरी 2025). "डीडवाना की मांड गायिका बतूल बेगम को पद्मश्री, मंदिर में भजन गाने से की शुरूआत". ईटीवी भारत समाचार. अभिगमन तिथि: 26 जनवरी 2025.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ "बचपन में मंदिर में गाया, अब यूरोप की शान:मांड-फाग गायिका बेगम बतूल के बिना यूरोप का सबसे बड़ा होली फेस्टिवल अधूरा, नारी शक्ति अवॉर्ड मिला". दैनिक भास्कर.
- ↑ अ आ "राजस्थान के तीन लोगों को पद्मश्री सम्मान". द टाइम्स ऑफ इंडिया. 26 जनवरी 2025. आईएसएसएन 0971-8257. अभिगमन तिथि: 26 जनवरी 2025.
- ↑ "कौन हैं राजस्थान की बतूल बेगम, जिन्हें मिला पद्मश्री अवार्ड; मुस्लिम होकर गाती हैं भगवान के भजन".
- ↑ अरोड़ा, सुमित (9 मार्च 2022). "राष्ट्रपति कोविंद ने 2020 और 2021 के 'नारी शक्ति पुरस्कार' प्रदान किए". अड्डा247. अभिगमन तिथि: 21 मार्च 2022.
- ↑ "पद्म पुरस्कार 2025: केंद्र सरकार ने सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री विजेताओं की घोषणा की". डेक्कन हेराल्ड. अभिगमन तिथि: 25 जनवरी 2025.