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बंगाल का भीषण अकाल (१७७०)

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१७७० का बांगाल का भीषण अकाल (बांग्ला : ৭৬-এর মন্বন্তর, छिअत्तरेर मन्वन्तर = छिहत्तर का अकाल) एक भीषण अकाल था जिससे गंगा के मैदान का निचला भाग (वर्तमान समय का बिहार और बंगाल) बुरी तरह प्रभावित हुआ था। यह अकाल १७६९ से १७७३ (बांग्ला पंचांग के अनुसार ११७८ से ११८०) तक रहा। ऐसा अनुमान है कि इस अकाल में १ करोड़ लोग मारे गये। १७७२ में वारेन हेस्टिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रभावित क्षेत्रों के एक-तिहाई लोग इस अकाल में मारे गए थे। इस अकाल का विनाशकारी प्रभाव english east india company की शोषणपरख नीतियों के कारण बढ़ गया था।

सन्दर्भ

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इन्हें भी देखें

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