फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस

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बॉम्बे, बरोडा एण्ड सेंट्रल इंडिया रेलवे द्वारा सन् 1906 में शुरु की गयी फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस, भारत की मध्यम दूरी की तीव्रतम रेलगाड़ी है। इस रेलगाड़ी का संचालन महाराष्ट्र के मुंबई सेंट्रल और गुजरात के सूरत स्टेशनों के मध्य, पश्चिम रेलवे द्वारा किया जाता है। यह रेलगाड़ी मुख्यत: दैनिक रूप से दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और कारोबारियों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इस रेलगाड़ी को एक सप्ताहांत विशेष के तौर पर शुरू किया गया था लेकिन आज इसका संचालन दैनिक रूप से किया जाता है।

यह रेलगाड़ी 263 किलोमीटर की दूरी तय करती है और मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्टेशन हैं; अंधेरी, बोरीवली, पालघर, दहानु, वापी और वलसाड

परिचालन[संपादित करें]

सप्ताहांत में सैर सपाटे पर जाने के शौकीन लोगों के लिए 1906 में, फ्लाइंग क्वीन के नाम से इस रेलगाड़ी को शुरु किया गया था। इसके आठ साल के बाद 24 अप्रैल, 1914 को प्रथम विश्व युद्ध छिड़ जाने के कारण इसका परिचालन बंद कर दिया गया। रेलगाड़ी को 1 मई, 1937 को एक बार फिर से फ्लाइंग रानी के नाम से शुरु किया गया लेकिन एक बार फिर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इसका परिचालन रद्द करना पड़ा। आजादी के बाद बहुत सालों से बंद पड़ी इस रेलगाड़ी को तीसरी बार फिर से 1 नवंबर, 1950 को शुरु किया गया और तब से लेकर अब तक इसका परिचालन अनवरत जारी है।

इतिहास[संपादित करें]

रोचक तथ्य[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]