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फोरेंसिक पहचान

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फोरेंसिक पहचान एक आवेदन है न्यायालयिक विज्ञान का और प्रौद्योगिकी है ट्रेस सबूत से विशिष्ट वस्तुओं की पहचान करना जो अपराधिक स्थान से प्राप्त हुए है। अपराधिक स्थान पर बिन्न प्रकार के सबूत मिलते है उनको अलग कर के उनका विश्लेषण किया जाता है और पता लगाया जाता है। सबूत किसी से भी जुड़ा हो सकता है जेसे व्यक्ति से, जानवर से, वस्तु से या नेटवर्क से जेसे कंप्यूटर

मानव की पहचान

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मानव की पहचान उंगलियो के निशान से हो सखती है। एसे कई और भी प्रौद्योगिकी है जो मानव की पहचान करने मैं इस्तमाल हो सखते है:

  • डीएनए जो मिल सकता है खून, लार, बाल, त्वचा और वीर्य से।[1]
  • कान के छाप से
  • दातो के निशान से
  • मिली हुए तस्वीर या विडियो से चेहरा पहचान ना
  • लिखाई से
  • आवाज से
  • पैरो के निशान से

फॉरेंसिक पहचान सबसे पहले परिचय हुए न्यायालय मैं १९८० मै, और पेहला मामला डीएनए का १९८९ मैं हुआ था और उसके बाद ३३६ मामले परिचय हुए न्यायालय मैं और अब तक चल ही रहे है।[2]

जानवर की पहचान

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वन्यजीवन फॉरेंसिक वन्यजीवन फॉरेंसिक मैं जंगली जानवर की पहचान की जाती है जो मारे जाते है शिकार से या बेचे जाते हैं। जंगली जानवर के शरीर के हिस्सों को बेचा जाता है तो उनकी असली और नकली की पहचान करना जरूरी हो जाता है।

  • जाति के पहचान करने के लिए उनके बालो का विश्लेषण किया जाता है और डीएनए का। जानवर मी जादा कर म्य्तोकोन्द्रिअल (mitochondrial) डीएनए का विश्लेषण किया जाता है क्योंकी नाभिकीय(nuclear) डीएनए नष्ट हो जाता है।[3]
  • भौगोलिक मूल का निर्धारण करना भी जरूरी है की जानवर कहा से है। जेसे किसी राज्य मैं वो जानवर नहीं हो और उसका वहाँ पाना। यह भी पता किया जाता है की उस जगह मैं कितने और कोंसे जानवर है।

घरेलू पशु फोरेंसिक कई बार अपराधिक स्थान पर घरेलू पशु के भी कोई सबूत पाए जाता है जसे की बिल्ली या कुत्ते के बाल। फॉरेंसिक विज्ञान मैं घरेलु पशु भी अहम भाग निभाते है, अपराधिक स्थान की जाँच करने मे कुत्तो का इस्तमाल किया जाता है, अकेले कुत्तो ने २० अपराधिक मामलो मैं मदद की है ग्रेट ब्रिटेन और 1996 के बाद से US मै।[4]

वस्तु की पहचान

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वस्तु जो अपराधिक स्थान से प्राप्त हुए है उनका विश्लेषण करना भी जरूरी है:

  • कोई दस्तावेज़ प्राप्त हुआ हो
  • आग्नेयास्त्रों का उनकी गोलियों का
  • तस्वीरों का
  • टाइपराइटर का
  • कोई दवाओं या ड्रग्स का

कभी कभी, निर्माताओं और फिल्म वितरकों जानबूझकर सूक्ष्म फोरेंसिक चिह्नों अपने उत्पादों पर उन्हें चोरी के या एक अपराध में संलिप्तता के मामले में पहचान करने के लिए छोड़ सकते हैं।

सन्दर्भ

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  1. "CAN DNA DEMAND A VERDICT?|". Learn Genetics. The University of Utah. मूल से 9 दिसंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 दिसंबर 2011.
  2. "Exonerate the Innocent". Innocence Project. मूल से 26 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि February 2016. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. Randi, E (2000). Baker, A. J. (संपा॰). Malden: Blackwell Science. "Mitochondrial DNA". Molecular methods in ecology.
  4. Halverson, J.; Basten, C. (2005). "A PCR multiplex and database for forensic DNA identification of dogs". Journal of Forensic Sciences (2 संस्करण). 50: 352–363.