फैराडे का विद्युत अपघटन का नियम
सन् 1834 में फैराडे ने विद्युतरसायन से सम्बन्धित अपने कुछ संख्यात्मक प्रेक्षणों को प्रकाशित किया। इन्हें फैराडे के विद्युत अपघटन के नियम (Faraday's laws of electrolysis) कहते हैं। इसके अन्तर्गत दो नियम हैं। पाठ्यपुस्तकों और वैज्ञानिक साहित्य में इन नियमों को अलग-अलग तरीके से प्रस्तुत किया जाता है लेकिन वहुधा प्रचलित रूप कुछ इस प्रकार है- [1]
- फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम
विद्युत अपघटन में विद्युताग्रों (एलेक्ट्रोड्स) पर जमा हुए पदार्थ की मात्रा धारा की मात्रा के समानुपाती होती है। 'धारा की मात्रा' का अर्थ आवेश से है न कि विद्युत धारा से।
- फैराडे का विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम
'धारा की मात्रा' समान होने पर विद्युताग्रों पर जमा/हटाये गये पदार्थ की मात्रा उस तत्व के तुल्यांकी भार के समानुपाती होती है। (किसी पदार्थ का तुल्यांकी भार उसके मोलर द्रव्यमान को एक पूर्णांक से भाग देने पर मिलता है। यह पूर्णांक इस बात पर निर्भर करता है कि वह पदार्थ किस तरह की रासायनिक अभिक्रिया करता है।) अर्थात जब दो या दो से अधिक विधुत अपघट्य के विलयन में समान मात्रा की विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो इलेक्ट्रोड पर निक्षेपित होने वाले पदार्थ की मात्रा W उनके रासायनिक तुल्यांक (E) के समानुपाती होती है।
Respected फैराडे के विद्युत अपघटन के नियमों का गणितीय रूप
[संपादित करें]फैराडे के नियमों को संक्षेप में इस प्रकार लिख सकते हैं -
जहाँ
- m किसी विद्युताग्र पर जमा हुए पदार्थ का दर्व्यमान है
- Q विलयन से होकर प्रवाहित कुल आवेश की मात्रा है,
- F = 96 485 C mol-1 को फैराडे नियतांक कहते हैं।
- M पदार्थ का मोलर द्रव्यमान है,
- z ऑयनो की संयोजकता संख्या है जो कि दर्शाती है कि प्रति ऑयन कितने एलेक्ट्रॉन स्थानान्तरित (ट्रान्सफर) होते हैं।
ध्यात्व्य है कि M / z जमा हुए पदार्थ का तुल्यांकी भार (equivalent weight) है।
फैराडे के प्रथम नियम् के लिये, M, F, तथा z नियत हैं ; अत: Q जितना अधिक होगा, उतना ही अधिक m भी होगा।
फैराडे के द्वितीय नियम के लिये, Q, F, तथा z नियतांक हैं; अत: M / z (तुल्यांकी भार) जितना ही अधिक होगा, m भी उतना ही अधिक होगा।
यदि एक साधारण स्थिति की बात की जाय जिसमें विद्युत धारा नियत रहती हो, तो और
जहाँ
- n मोलों की संख्या है : n = m / M
- t वह समयावधि है जितने समय तक विद्युत प्रवाहित होती है,
किन्तु यदि परिवर्ती (variable) धारा बह रही हो तो कुल आवेश Q का मान धारा I() को समय के सापेक्ष समाकलन (integrated over time) के बराबर होगी :
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- विद्युत अपघटन (Electrolysis)
- माइकल फैराडे
- फैराडे निययतांक (Faraday constant)
- फैराडे का विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का नियम (Faraday's law of Electromagnetic induction)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2018.
- ↑ "Coulomb's Law in Hindi". मूल से 1 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2019.