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फिलीपीन क्रांति

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फिलीपीन का मानचित्र।

फिलीपीन की क्रांति स्पेनी साम्राज्य के विरुद्ध आंदोलनकारी संगठन कटिपुनन द्वारा किया गया फिलीपिन का स्वतंत्रता आंदोलन था। इसे फिलिपिनो हिमाग्सिकांग पिलिपिनो या रेबोलुसयोंग पिलिपिनो और स्पेनिश भाषा में रेवोल्यूशन फिलिपिना या गुएरा तागाला के नाम से जाना जाता है।[1]

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

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फिलीपीन की क्रांति (1896-1898) स्पेनिश साम्राज्य के 333 वर्षों के औपनिवेशिक शासन के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई थी। एंड्रेस बोनिफेसियो के नेतृत्व में कटिपुनन नामक गुप्त संगठन ने इस आंदोलन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य सशस्त्र क्रांति के माध्यम से फिलीपींस को स्वतंत्र कराना था। अगस्त 1896 में, कटिपुनन की खोज के बाद मनीला में विद्रोह शुरू हुआ। प्रारंभिक लड़ाइयों में मनीला में विफलता मिली, लेकिन पड़ोसी प्रांतों में क्रांतिकारियों को सफलता मिली।

असमान सफलता और नेतृत्व के संघर्ष के कारण सन् 1897 में एमिलियो एगुइनाल्डो को कटिपुनन का नेता चुना गया। सत्ता संघर्ष के दौरान बोनिफेसियो को राजद्रोह का दोषी ठहराकर फांसी दे दी गई। सन् 1897 में, बियाक-ना-बाटो संधि के तहत अस्थायी शांति स्थापित हुई और क्रांतिकारी हांगकांग चले गए।

सन् 1898 में स्पेनिश-अमेरिकी युद्ध छिड़ा, जिसमें अमेरिका ने स्पेन को हराया।[2] एगुइनाल्डो अमेरिका के समर्थन से फिलीपींस लौटे और स्पेन के खिलाफ युद्ध फिर से शुरू हुआ। 12 जून 1898 को फिलीपींस ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। हालांकि, इसे न तो स्पेन और न ही अमेरिका ने मान्यता दी। 4 फरवरी 1899 को फिलिपिनी और अमेरिकी सेनाओं के बीच संघर्ष छिड़ा, जिससे फिलीपीन-अमेरिकी युद्ध शुरू हुआ। इस संघर्ष ने फिलीपींस की स्वतंत्रता के प्रयासों को लंबे समय तक बाधित किया। अंततः 4 जुलाई 1946 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फिलीपींस एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। यह क्रांति न केवल उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक थी बल्कि एशिया में स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए प्रेरणा भी बनी।

सन्दर्भ

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  1. अलेक्जेंडर एम॰ बिलाकोव्स्की (2013). अमेरिकी सेना में जातीय और नस्लीय अल्पसंख्यक; ए॰-एल॰. ABC-CLIO. p. 204. ISBN 978-1-59884-427-6.
  2. "स्पैनिश कॉलोनी 1565–1898". अल्बर्टा विश्वविद्यालय. मूल से से मई 14, 2016 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: अक्टूबर 20, 2009.