फाफाडीह
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फाफाडीह (FAFADIH / PHAPHADIH) - यह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का एक पुराना मोहल्ला है। इसका नाम फाफाडीह इसलिए पड़ा क्योंकि यहां होने वाली धान की खेतों में फाफा नाम के कीड़े उडा करते थे। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। इसलिए यहां धान की खेती काफी मात्रा में होती है। धान की फसल को नुकसान पहुचानें वाले कीडों में एक कीड़े का नाम फाफा है। पहले जब इस क्षेत्र में धान की खेती होती थी तब फाफा नाम के कीड़े काफी संख्या में फसल पर हमला कर उसे खराब कर देते थे। छत्तीसगढ़ी भाषा में डीह का अर्थ का है जगह या स्थान. इसलिए काफी समय पहले लोगों ने इस क्षेत्र का नाम फाफाडीह रख दिया.
फाफाडीह मोहल्ला रायपुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग - 200 पर स्थित है। स्टेशन से इसकी दूरी महज सवा किलोमीटर है। रायपुर के ह्रदृय स्थल जय स्तंभ से फाफाडीह की दूरी मात्र दो किलोमीटर है। वैसे रायपुर विस्तार के साध फाफाडीह शहर के मध्य क्षेत्र में आ गया है। इस मोहल्ले से दो स्वंतत्रता संग्राम सेनानी श्री केशव प्रसाद सिन्हा और श्री नंद कुमार पाठक हुए हैं। अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट कॉमेन्टेटर स्वर्गीय सुरेन्द्रपाल सिंह हंसपाल भी इसी मोहल्ले के निवासी थे। इसी प्रकार प्रसिद्ध पत्रकार गिरजाशंकर इसी मोहल्ले के निवासी रहे ।
यह मोहल्ला पूरे विश्व में अपने आप में अनूठा है। इस मोहल्ले की विशेषताओं में देखे तो यह दो रेल लाईनों क्रमशः बड़ी रेल लाईन (वाल्टेयर - विशाखापट्टनम की ओर) और छोटी लाईन (अंग्रेजों के जमाने में बनी छोटी रेल लाईन) के बीच स्थित है। यानि इस मोहल्ले से दो रेल लाईनें गुजरती है। मोहल्ले में टिम्बर यानि लकड़ी काटने की कई आरा मशीनें हैं। फाफाडीह में दो कालेज (महाविद्यालय) सिंधु महाविद्यालय और सेन्ट्रल कालेज है। यहां पहले दो समाचार पत्रों पत्रिका और अग्रदूत के कार्यालय थ। मोहल्ले में में सिंधी, साहू, उड़िया और गुजराती समाज के लोगों की बहुलता है।
मोहल्ले के नाम के अलावा यहां कुछ ऐसी विशेष बातें हैं जो बाहर से आने वालों चेहेरे पर मुस्कुराट बिखेर देती है। जैसे इस मोहल्लें में श्मशान गृह, तेल की मिल, दूध की डेयरी, कुछ खेत, राईस मिल, रमण मंदिर, दो जैन मंदिर, शंकर जी का मंदिर दो सिंधी गुरुद्वारा, गरीबों के लिए इंदिरा प्रियदर्शिनी आवासीय कॉलोनी, पत्रकार कॉलोनी, रेल कर्मचारियों की कॉलोनी खारुन विहार है। शहर का एक बड़ा निजी अस्पताल नारायणा हास्पिटल भी कृषि उपज मंड़ी के पास स्थित हैं। केन्द्रीय जेल भी कभी पहले इस मोहल्ले का हिस्सा था। रायपुर - बिलासपुर मुख्य मार्ग पर एक पीले रंग का भवन है जिसे पीली बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। ये सारी विशेषताएं ही इसकी एक अलग पहचान है। इसके अलावा यहां की दाबेली भी काफी लोकप्रिय है।
यह मोहल्ला रायपुर उत्तर विधानसभा में आता है। वर्ष 2008 में उत्तर विधानसभा से पहले विधायक कांग्रेस के कुलदीप सिंह जुनेजा थे। सन् 2013 से भाजपा के श्री श्रीचंद सुन्दरानी यहां के विधायक रहे। उसके बाद 2018 में पुनः कुलदीप सिंह जुनेजा विधायक चुने गए हैं। श्री जुनेजा वर्तमान में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भी है।