फातिमा ग्रिम

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फातिमा ग्रिम (जन्म: हेल्गा लिली वोल्फ; 25 जुलाई 1934 - 6 मई 2013 हैम्बर्ग में) इस्लाम के विषय पर जर्मन अनुवादक , लेखक और वक्ता थीं । जर्मनी मुस्लिम लीग में एक अधिकारी के रूप में प्रसिद्धि हुईं।
१ ९ ६० में ईसाई धर्म से इस्लाम धर्म[1] अपना लिया।

परिचय[संपादित करें]

फातिमा ग्रिम (Fatima Grimm) कार्ल वोल्फ की बेटी थी,जो हेनरिक हिमलर के कर्मचारी प्रमुख थे।
क़ुरआन के दो अनुवादकों भारत के मौलाना मौदूदी और यूरोपियन मुहम्मद असद से प्रभावित रही।
ग्रिम ने कई पुस्तकों का लेखन और अनुवाद किया और कई लेख लिखे, जिनमें से कुछ अल-इस्लाम पत्रिका में दिखाई दिए। कई वर्षों तक ग्रिम पत्रिका के प्रभारी भी रही। एक पत्रकार के रूप में खुद को मुख्य रूप से शिक्षा और इस्लाम में महिलाओं की भूमिका जैसे मुद्दों के लिए समर्पित किया ।
एक अल्पकालिक बच्चों की पत्रिका, यू एंड इस्लाम, का प्रबंधन उनके द्वारा किया गया था।
इसके अलावा, ग्रिम ने महिलाओं के एक समूह द्वारा कुरआन के जर्मन अनुवाद पर भी काम किया , जिसमें हलीमा फ्रिल्स और ईवा-मारिया एल-शबेसी शामिल थीं।
"हमीदा बेहर ग्रिम" का कुरआन अनुवाद जर्मन में पहला संयुक्त सुन्नियों और शिया-विकसित कुरआन का अनुवाद है।
1984 में अपनी मृत्यु से कुछ हफ्ते पहले, ग्रिम के पिता, कार्ल वोल्फ ने इस्लाम धर्म अपनाया। उनकी कब्र पर, उनकी बेटी ने इस्लामिक सेंटर म्यूनिख (ICM) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया।
ग्रिम की एक बेटी थी, जो बचपन में मृत हो गई थी, और पहली शादी से एक बेटा और दूसरी शादी से तीन सौतेले बच्चे थे। 
हैम्बर्ग में एक लंबी बीमारी के बाद ६ मई २०१३ की शाम को उनकी मृत्यु हो गई। 

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

जर्मन राष्ट्रीय पुस्तकालय की सूची में फातिमा ग्रिम

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. डा. अब्दुल, ग़नी फारूक (2008). फ़ातिमा ग्रीम (प्रथम संस्करण). दिल्ली: मधुर संदेश संगम. पृ॰ 318 से 329. मूल से 16 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 जून 2020.