फ़र्दिनान्द मैगलन

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फ़र्दिनान्द मैगलन (Ferdinand Magellan ; 1480 – 27 अप्रैल 1521) पुर्तगाल का प्रसिद्ध अन्वेषक था। उसने 'मसाला द्वीप' (मलेशिया का मलुकु द्वीप) के लिए पश्चिम से होकर मार्ग खोजने में स्पेन के राजा चार्ल्स प्रथम की सहायता की। पृथ्वी की खोज का श्रेय मैगलेन को ही दिया जाता है। उसने अपने साथियों के साथ पृथ्वी का चक्कर लगाने निकला लेकिन, फिलीपींस के आदिवासियों द्वारा मैगलेन की हत्या कर दी गई। जिसके पश्चात उसके साथियों ने बाकी की यात्रा को तय किया ।। तथा साथ ही साथ इन्होंने प्रशांत महासागर का नामकरण किया समुद्री मार्ग से सम्पूर्ण पृथ्वी के चक्कर लगाने वाले प्रथम व्यक्ति भी मैगलन है। जब ये पृथ्वी के चक्कर लगा रहे थे तब इन्होंने व इनके साथियो ने देखा कि ये सागर अन्य सागरो की तुलना मे शांत है तब इसका नाम प्रशांत महासागर पड़ा।

जीवनी[संपादित करें]

4 फरवरी 1480 को मामूली पुर्तगाली कुलीन परिवार में जन्मे मैगलन एक कुशल नाविक और नौसेना अधिकारी बन गए। वह एशिया में पुर्तगाली राज्य की सेवा में थे। पुर्तगाल के राजा मैनुअल प्रथम ने दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के दक्षिणी छोर के एक नए मार्ग से भारत पहुंचने की मैगलन की योजना का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। उन्हें अंततः स्पेन के राजा चार्ल्स प्रथम द्वारा मालुकू के लिए पश्चिम की ओर जाने वाले मार्ग को खोजने के लिए चुना गया। पांच जहाजों के एक बेड़े की कमान संभालते हुए, उन्होंने अटलांटिक महासागर के माध्यम से पेटागोनिया में दक्षिण की ओर प्रस्थान किया। तूफानों और बगावत की कई श्रृंखला के बावजूद, उन्होंने मैजेलन जलडमरूमध्य के माध्यम से पानी की एक नई श्रंखला में कदम रखा जिसे उन्होंने "शांतिपूर्ण समुद्र" (आधुनिक प्रशांत महासागर) का नाम दिया। अभियान फिलीपीन द्वीपों पर पहुंच गया, जहां लड़ाई के दौरान मैगलन को मार दिया गया था। अभियान बाद में 1521 में मालुकू द्वीप पर पहुंचा और बचे हुए जहाजों में से एक अंततः पृथ्वी के पहले चक्कर को पूरा करते हुए हिंद महासागर के माध्यम से घर लौट आया।

मैगलन पूर्व की यात्रा (1505 से 1511-12) पर दक्षिण पूर्व एशिया के मलय द्वीपसमूह पर पहले ही पहुँच चुके थे। इस क्षेत्र में फिर से जाकर लेकिन अब पश्चिम में यात्रा करते हुए, मैगलन ने इतिहास में पहली बार विश्व की लगभग पूर्ण व्यक्तिगत जलयात्रा को पूरा किया।