तूफान फनापी

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तूफान फनापी
आंधी (JMA scale)
श्रेणी 3 आंधी (SSHWS)
तूफान फनापी का 18 सितम्बर का दृश्य
गठन14 सितम्बर 2010
व्यस्त21 सितम्बर 2010
उच्चतम हवाएं10-मिनट निरंतर : 175 किमी/घंटा (110 मील प्रति घंटा)
1-मिनट निरंतर : 195 किमी/घंटा (120 मील प्रति घंटा)
सबसे कम दबाव930 hPa (mbar); 27.46 inHg
मौत80 कुल
नुकसान$893 million (2010 USD)
प्रभावित क्षेत्रजापान, ताइवान, चीन

तूफान फनापी जिसे फिलीपींस में तूफान इंडे के नाम से भी जाना जाता है, एक बहुत नुकसान करने वाला तूफान था। यह ताइवान और दक्षिणपूर्व चीन में सितम्बर 2010 में आया था। यह उस वर्ष का ग्यारहवाँ उष्णकटिबंधीय तूफान और उस ऋतु का चौथा तूफान था। यह फिलीपींस में 14 सितम्बर को बनना शुरू हुआ और उसके बाद धीरे धीरे कई दिनों में यह आगे बढ़ने लगा। यह जब उत्तर पूर्व से उत्तर में जाने लगा था, तब इसकी गति 175 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इसके कारण पहली बार थल में बारिश 19 सितम्बर को ताइवान के हुयलेन शहर में हुआ था। अगस्त 2009 के बाद यह पहला तूफान था, जो इस द्वीप से टकराया था। इसके बाद अंत में यह चीन के फुज्जन शहर में बारिश करवाने के बाद 21 सितम्बर को दक्षिण चीन में समाप्त हो गया।

ताइवान और चीन में इसके प्रभाव से पूर्व पहला प्रभाव दक्षिण जापान में भी पड़ा था। जिसके कारण मियाको द्वीप में वर्षा भी हुई। लेकिन यह चीन और ताइवान के मुक़ाबले बहुत कम था। फनापी के कारण ताइवान में बहुत अधिक बारिश हुई और यह 1,126 मिलीमीटर को पार कर गया। 1,50,000 लोगों को उनके घरों से हटाया गया। पिछले साल तूफान मोराकोट के विनाशकारी प्रभाव को देखने के बाद इस साल उससे कई अच्छी तरह तैयारी किया गया था। फिर भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अत्यधिक मात्रा में फसल बर्बाद हुए और कई जगह बाढ़ भी आया। इसका सबसे अधिक प्रभाव कोहसीयूंग शहर में पड़ा था। जहाँ 506 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई थी। इसके कारण लगभग सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। तूफान के जाते समय ताइवान में कुल पाँच लोग मर गए और नुकसान करीब पचास करोड़ का हुआ था।

इसके बाद दक्षिण चीन में करीब 2,64,000 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित हटाया गया। इस जगह में तूफान ने बहुत अधिक बारिश करवाया। गुयांगडोंग में यह 640 मिलिमीटर तक पहुँच गया। फनापी के कारण यहाँ भूस्खलन भी हुआ, जिसके कारण 75 लोगों की मौत हो गई। यहाँ इस तूफान के कारण सोलह हजार घर तबाह हो गए और डेढ़ लाख एकड़ फसल भी पूरी तरह नष्ट हो गया। इस प्रांत में लगभग पचास करोड़ का नुकसान हुआ। इसके बहुत अधिक नुकसान करने के बाद इस नाम को मुक्त कर दिया गया।

मौसम विज्ञान इतिहास[संपादित करें]

तैयारी[संपादित करें]

प्रभाव[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]