प्रो अब्दुल लतीफ

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डा० अब्दुल लतीफ (जन्म 1 अगस्त 1955, मरघिया, बरारी, कटिहार, बिहार): (मृत्यु 11 अक्टूबर 2017), बिहार के भू० ना० मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के अधीन के० बी० झा कॉलेज, कटिहार में वनस्पति विज्ञान विषय के उपाचार्य के पद पर कार्यरत थे एवं वर्ष 2005 से मृत्यु तक इस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक के पद पर प्रतिनियुक्त थे। कार्यक्रम समन्वयक के पद पर डा० अब्दुल लतीफ का कार्यकाल अद्वितीय रहा। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय सेवा योजना के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में अनेकों अवार्ड प्राप्त हुआ।[1]

अब्दुल लतीफ ने शेरशाहबादी मुस्लिम जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किये जाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके लगातार संघर्ष के कारण ही शेरशाहबादी जाति को आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सका।

व्यक्तिगत विवरण[संपादित करें]

जन्म  :- 1 अगस्त 1955 (मरघिया, बरारी, कटिहार)

मृत्य  :- 11 अक्टूबर 2017 (कटिहार)[2]

पिता  :- स्व० मो० मकबुल हुसैन

पत्नी  :- शहनाज़ बेगम

राष्ट्रीयता  :- भारतीय

शिक्षा  :- एम० एस० सी (वनस्पति विज्ञान), पीएच० डी

पेशा  :- उपाचार्य, वनस्पति विज्ञान

संक्षिप्त जीवनी[संपादित करें]

डा० अब्दुल लतीफ का जन्म मरघिया, (बरारी) कटिहार, बिहार मे हुआ था| उनके पिता का नाम स्व० मो० मकबुल हुसैन है जो एक किसान थे| स्व० मकबुल हुसैन के 5 पुत्र एवं 2 पुत्री मे डा० अब्दुल लतीफ सबसे बडे़ पुत्र थे| अब्दुल लतीफ का विवाह बंका,सेमापुर (कटिहार) के स्व० मो० शकुर के बडी़ पुत्री शहनाज बेगम से हुआ| अब्दुल लतीफ एवं शहनाज बेगम के 4 संतान, 3 पुत्र एवं 1 पुत्री है|

राजनीतीक जीवन[संपादित करें]

अब्दुल लतीफ छात्र जीवन से ही सामाजिक कार्यो से जुडे़ थे| बिहार के पुर्व राज्यपाल एवं कटिहार के सांसद मो० युनुस सलीम के सांसद प्रतिनिधि थे एवं वर्ष 1995 मे कटिहार जिला के कदवा विधानसभा से समता पार्टी से विधानसभा चुनाव लडा़|[3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "युवाओं को समाज सेवा की ओर करें प्रेरित : डा.लतीफ". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 19 मार्च 2023.
  2. "विश्वविद्यालय के एनएसएस पदाधिकारी की मौत, शोक". Hindustan. 2017. अभिगमन तिथि 20 मार्च 2023.
  3. "भारत निर्वाचन आयोग". eci.gov.in. अभिगमन तिथि 20 मार्च 2023.