प्रियनाथ मुखोपाध्याय
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प्रियनाथ मुखोपाध्याय (१८५५-१९४७) एक बंगाली लेखक और कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग के निरीक्षक थे। वह अपनी जासूसी पुस्तक दरोगार दफ्तर के लिए प्रसिद्ध थे। [1]
प्रियनाथ मुखोपाध्याय | |
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जन्म | १८५५ |
मौत | १९४७ |
पेशा | लेखक निरीक्षक |
भाषा | बंगाली |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारत |
उल्लेखनीय कामs | दरोगार दफ्तर |
कर्मजीबन
[संपादित करें]प्रियनाथ मुखोपाध्याय कोलकाता पुलिस के लालबाजार पुलिस स्टेशन के डिटेक्टिव डिवीजन के जासूस थे। उन्होंने ३३ साल (१८७८-१९११) पुलिस विभाग में काम किया। वह कोलकाता पुलिस का एक प्रसिद्ध जासूस था। उन्होंने कोलकाता में कई रहस्यमय मामलों को हल किया है।
काम
[संपादित करें]ख़ुफ़िया विभाग में अपने ३३ साल के अनुभव से उन्होंने दरोगार दफ्तर नाम की किताब लिखी। [2]
उल्लेख
[संपादित करें]- ↑ "One of India's earliest crime fiction stories was about a delicious scam involving books". Scroll.in (अंग्रेज़ी में). मूल से 12 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-02-22.
- ↑ "Detective dead, whodunnit?". www.telegraphindia.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 28 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-02-22.