प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन
प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन वे स्रोत हैं जिनसे भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है, जिनके आधार पर इतिहास निर्माण किया जाता है, और जिनके आधार पर ऐतिहासिक घटनाओं के कालानुक्रम का निर्धारण किया जाता है। इन्हें ऐतिहासिक स्रोत, ऐतिहासिक सामग्रियाँ अथवा ऐतिहासिक आँकड़ें भी कहा जाता है और सामन्यतः ऐतिहासिक स्रोतों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्रोत[1][2]
इतिहासकार वी. डी. महाजन द्वारा, प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोतों को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है - साहित्यिक स्रोत, पुरातात्विक स्रोत, विदेशी विवरण, एवं जनजातीय गाथायें।[3] रामशरण शर्मा द्वारा इन स्रोतों को - भौतिक अवशेष, अभिलेख, मुद्राएँ, साहित्यिक स्रोत, विदेशी विवरण, ग्राम्य अध्ययन, और प्राकृतिक विज्ञानों के अध्ययन से प्राप्त जानकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।[4]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "What Are Historical Sources?". History. 4 जुलाई 2014. अभिगमन तिथि 4 फरवरी 2022.
- ↑ "What Are Historical Materials? | Modern Japan in archives". www.ndl.go.jp (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 4 फरवरी 2022.
- ↑ Mahajan, V. D. (2019). Ancient India (अंग्रेज़ी में). S. Chand Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5283-724-3. अभिगमन तिथि 4 फरवरी 2022.
- ↑ Sharma, R. S. (2006). India's Ancient Past (अंग्रेज़ी में). Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-908786-0. अभिगमन तिथि 4 फरवरी 2022.