प्राचीन ओलंपिक खेल
प्राचीन ओलंपिक खेल प्राचीन यूनानी भाषा में τὰ Ὀλύμπια, ता ओलंपिया या प्राचीन ओलंपिक, नाम से जाना जाता है प्राचीन ओलंपिक खेल प्राचीन ग्रीक के खेलों का अहम हिस्सा थे। ये खेल शहर और राज्य के प्रतिनिधियों के बीच क्रीड़ात्मक प्रतियोगिताओं के रूप में ओलंपिया के पवित्र धार्मिक अभयारण्य में आयोजित होते थे। इनमें दौड़, कुश्ती, भाला फेंक और रथ दौड़ जैसी प्रतियोगिताएँ शामिल करायी जाती थी। यूनानियों ने इनकी उत्पत्ति पौराणिक कथाओं से जोड़ी, जिनमें हेराक्लेस और पेलोप्स का उल्लेख है। ये खेल शारीरिक क्षमता, धार्मिक आस्था और यूनानी संस्कृति का प्रतीक थे।[1]
एतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
[संपादित करें]भूमध्य सागर के क्षेत्रों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की एक प्राचीन परंपरा थी, हालांकि इन प्रतियोगिताओं का आयोजन हमेशा नहीं होती थीं। ये आयोजन आमतौर पर राजाओं और उच्च वर्गों के लिए विशेष रूप से आरक्षित होते थे, जिससे आम जनता की भागीदारी सीमित रहती थी। ये गतिविधियाँ समाज में शक्ति प्रदर्शन और प्रतिष्ठा बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित करवाई जाती थीं।
प्राचीन ओलंपिक खेल न केवल क्रीड़ात्मक आयोजन थे, बल्कि धार्मिक उत्सव के रूप ग्रीक देवता ज़ीउस के सम्मान में मनाते जाते थे, खेलों के संचालन के पूर्व ज़ीउस की याद में 100 बैलों की बलि दी जाती थी। समय के साथ, ओलंपिया ज़ीउस की पूजा का प्रमुख स्थल बन गया। ग्रीक वास्तुकार लिबोन ने यहाँ एक विशाल डोरिक मंदिर का निर्माण किया, जो ग्रीस के सबसे बड़े डोरिक मंदिरों में से एक था और धार्मिक महत्त्व का केंद्र था।[2]