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एयरो इंडिया 2009 में एचएएल तेजस

तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या एलसीए नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा।

तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है। तेजस के नौसेना संस्करण के विमानों के 2009 तक आसमान में उड़ान भरने की उम्मीद थी। हाल के घटनाक्रम से ऐसा लग रहा है कि विमान 2010 के अंत तक या 2011 के शुरू में भारतीय वायु सेना में शामिल हो जायेगा। दिसम्बर 2009 में गोवा समुद्र स्तरीय उड़ान परीक्षण के दौरान, तेजस ने 1,350 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से उडा़न भरी, इस प्रकार वह हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा स्वदेश में निर्मित पहला सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान है। अधिक पढ़ें…