प्रवेशद्वार:जीवनी/चयनित व्यक्तित्व/9

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

ऐनी बोलिन या (c.1501/1507 - 19 मई 1536) 1533 से 1536 तक इंग्लैंड के हेनरी अष्टम की दूसरी पत्नी और अपने आप में स्वंय और अपने वंशजों के लिए प्रथम मारकेस ऑफ़ पेमब्रोक थी। ऐनी के साथ हेनरी की शादी और उसके बाद उसके वध ने उसे धार्मिक और राजनीतिक उथल-पुथल जो अंग्रेज़ी सुधारान्दोलन का प्रारम्भ था, का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दियाविल्टशायर के प्रथम अर्ल थॉमस बोलिन और उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ बोलिन, विल्टशायर की काउंटेस की बेटी ऐनी की शिक्षा-दीक्षा नीदरलैंड और फ़्रांस में मुख्यतः क्लॉड ऑफ़ फ़्रांस की वधुसखी के रूप में हुई। अपने चचेरे आयरिश भाई जेम्स बटलर, नौवें अर्ल ऑफ़ ऑरमंड से शादी करने के लिए वह 1522 के शुरू में इंग्लैंड को लौटी लेकिन शादी की योजना विफल हुई और रानी की सखी कैथरीन ऑफ़ ऐरागॉन के दरबार में वधुसखी की पदवी प्राप्त हुई। 1525 में, हेनरी अष्टम ऐनी पर आसक्त हो गए और उससे प्रणय निवेदन शुरू हो गया। उसने उसके सभी प्रयासों का विरोध किया और अपनी बहन मैरी बोलिन की तरह उसकी रखैल बनने से इंकार कर दिया। शीघ्र ही रानी कैथरीन से अपनी शादी रद्द करने की धुन हेनरी पर सवार हो गई ताकि वह ऐनी से शादी करने को मुक्त हो जाए। जब यह स्पष्ट हो गया कि पोप क्लेमेंट सप्तम शादी रद्द नहीं करेंगे तो इंग्लैंड में कैथलिक चर्च की सत्ता चरमराने लगी।

यॉर्क के आर्कबिशप थॉमस वॉल्सी को कथित तौर पर ऐनी बोलिन के कहने पर उसके सूबा को वापस भेज दिया गया और बाद में बोलिन परिवार के पादरी थॉमस क्रैनमर को कैंटरबरी के आर्कबिशप नियुक्त किया गया। 25 जनवरी 1533 को हेनरी और ऐनी ने शादी कर ली। 23 मई 1533 को क्रैनमर ने हेनरी और कैथरीन की शादी को अमान्य घोषित किया और पांच दिन बाद हेनरी और ऐनी की शादी के वैध होने की घोषणा कर दी। शीघ्र बाद ही में, पोप ने क्रैनमर और हेनरी के खिलाफ़ बहिष्कार की सज़ा की आज्ञा सुना दी। इस शादी और बहिष्कार के परिणामस्वरूप इंग्लैंड की चर्च और रोम के बीच पहला अलगाव हुआ और इंग्लैंड की चर्च को राजा के नियंत्रण के तहत लाया गया। अधिक पढ़ें…