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आंध्र प्रदेश भारत का एक प्रान्त है । इसकी राजधानी हैदराबाद है । यह भारत के दक्षिण-पूर्व भाग में स्थित है । इसके पूरब में बंगाल की खाड़ी, उत्तर में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़, उत्तर पूर्व में उड़ीसा पश्चिम में कर्नाटक तथा तथा दक्षिण में तमिलनाडु के राज्य हैं । आन्ध्र राज्य के बारे में महाभारत तथा कुछ अन्य ग्रंथों में चर्चा मिलती है । इन ग्रंथों के मुताबिक आन्ध्र राज्य प्रचीन काल से चला आ रहा होगा पर इसका कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिलता है । ऐसा माना जाता है कि विदर्भ (पूर्वी महाराष्ट्र), मध्य प्रदेश तथा आसपास के इलाकों से लोग यहाँ आकर बसते गए । महात्मा बुद्ध ने गुंटुर जिले में अमरावती का भ्रमण (ईसापूर्व ५००) किया था इसके साक्ष्य मिलते हैं ।
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चयनित लेख

तेलुगू भाषा भारत के आंध्र प्रदेश राज्य की मुख्यभाषा और राजभाषा है । ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है । यह भाषा आंध्र प्रदेश के अलावा तमिलनाडु, कर्णाटक, ओडिसा और छत्तीसगढ राज्यों मे भी बोली जाती है। तेलुगु के तीन नाम प्रचलित हैं -- "तेलुगु", "तेनुगु" और "आंध्र"।

आंध्र शब्द का प्रयोग ऋग्वेदीय ऐतरेय ब्राह्मण में मिलता है। तेलुगु शब्द का मूलरूप संस्कृत में "त्रिलिंग" है। इसका तात्पर्य आंध्र प्रदेश के श्रीशैल के मल्लिकार्जुन लिंग, कालेश्वर और द्राक्षाराम के शिवलिंग से है। इन तीनों सीमाओं से घिरा देश त्रिलिंगदेश और यहाँ की भाषा त्रिलिंग (तेलुगु) कहलाई। इस शब्द का प्रयोग तेलुगु के आदि-कवि "नन्नय भट्ट" के महाभारत में मिलता है। यह शब्द त्रिनग शब्द से भी उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका आशय तीन बड़े बड़े पर्वतों की मध्य सीमा में व्याप्त इस प्रदेश से है। आंध्र जनता उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर जब हटाई गई तो दक्षिणवासी होने के कारण इस प्रदेश और भाषा को "तेनुगु" नाम दिया गया। (तमिल भाषा में दक्षिण का नाम तेन है)। तेनुगु नाम होने का एक और कारण भी है। तेनुगु में तेने (तेने उ शहद, अगु उ जाहो) शब्द का अर्थ है शहद। यह भाषा मधुमधुर होने के कारण तेनुगु नाम से प्रसिद्ध है। यह प्रदेश "वेगिनाम" से भी ज्ञात है। "वेगि" का अर्थ है कृष्णा गोदावरी नदियों का मध्यदेश जो एक बार जल गया था। यह नाम भाषा के लिये व्यवहृत नहीं है। आंध्र एक जाति का नाम है। ऋग्वेद की कथा के अनुसार ऋषि विश्वामित्र के शाप से उनके 50 पुत्र आंध्र, पुलिंद और शबर हो गए। संभवत: आंध्र जाति के लोग आर्य क्षत्रिय थे।
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चयनित चित्र

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चयनित जीवनी

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (सितम्बर ५,१८८८ – अप्रैल १७, १९७५) भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (१९५२ - १९६२) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। उनका जन्म दक्षिण भारत के तिरुत्तनि स्थान मे हुआ था जो चेन्नई से ६४ किमी उत्तर-पूर्व मे है। उनका जन्मदिन (५ सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय सामाजिक संस्कृति से ओत प्रोत एक महान शिक्षाविद महान दार्शनिक महान वक्ता और एक अस्थावान हिंदू विचारक थे. स्वतंत्र भारत देश के दूसरे राष्ट्रपति थे. डाक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 40 वर्ष शिक्षक के रूप मे व्ययतीत किए. उनमे एक आदर्श्न शिक्षक के सारे गुण मौजूद थे .उन्होने अपना जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप मे मनाने की ईक्क्षा व्यक्त की थी और सारे देश मे डाक्टर राधाकृष्णन का जन्म दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है.
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चयनित पर्यटन स्थल

तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर तिरुपति मे स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर है । तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं। समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थिम तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्‍वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अदभूत उदाहरण हैं। तमिल के शुरुआती साहित्य में से एक संगम साहित्य में तिरुपति को त्रिवेंगदम कहा गया है। तिरुपति के इतिहास को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि 5वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका था।
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