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प्रमाण सिद्धांत

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प्रमाण सिद्धांत (अंग्रेज़ी: Proof theory) गणितीय तर्कशास्त्र तथा सैद्धांतिक कंप्युटर विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है, जिसके अंतर्गत प्रमाणों को औपचारिक गणितीय वस्तुओं के रूप में ग्रहण किया जाता है, जिससे उनका विश्लेषण गणितीय विधियों द्वारा किया जा सके। प्रमाण सामान्यतः प्रेरणात्मक रूप से परिभाषित संरचनाओं के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, जैसे कि अनुक्रमों, सन्नद्ध अनुक्रमों अथवा वृक्षों के रूप में, जिन्हें किसी निश्चित तर्क प्रणाली के स्वीकृत सिद्धांतों एवं निष्कर्ष नियमों के अनुसार निर्मित किया जाता है। इस प्रकार, प्रमाण सिद्धांत की प्रकृति रूपात्मक होती है, जबकि प्रतिरूप सिद्धांत की प्रकृति अर्थात्मक होती है।

प्रमाण सिद्धांत के प्रमुख क्षेत्रों में संरचनात्मक प्रमाण सिद्धांत, क्रमगण विश्लेषण, प्रमाणयोग्यता तर्क, प्रतिलोम गणित, प्रमाण निष्कर्षण, स्वचालित प्रमेय-सिद्धि, तथा प्रमाण जटिलता सम्मिलित हैं। वर्तमान में अनेक अनुसंधान कार्य कंप्युटर विज्ञान, भाषाविज्ञान तथा दर्शनशास्त्र में इसके अनुप्रयोगों पर भी केंद्रित हैं।

यह भी देखें

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बाहरी लिंक

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  • हेज़विंक्ल, मिच्येल, ed. (2001), "Proof theory", एन्साइक्लोपीडिया ऑफ़ मैथमैटिक्स, स्प्रिंगर, ISBN 978-1-55608-010-4
  • जे. वॉन प्लेटो (2008) प्रमाण सिद्धांत का विकास स्टैनफोर्ड एनसाइक्लोपीडिया ऑफ फिलॉसफी।