प्रभाजी आसवन
प्रभाजी आसवन एक घुलनशील मिश्रण को उसके घटकों, या अंशों में आसवन के द्वारा पृथक्करण प्रक्रिया है। रासायनिक यौगिकों को एक ऐसे तापमान पर गर्म करके पृथक् किया जाता है जिस पर मिश्रण के एक या एकाधिक अंश वाष्पीकृत हो जाए। सामान्यतः घुलनशील घटकों में क्वथनांक का अन्तर एक मानक वायुमण्डलीय चाप में परस्पर से 25°C होता हैं। यदि क्वथनांकों में अन्तर 25°C से अधिक हो, तो साधारण आसवन का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग शिलारस के शोधन हेतु किया जाता है।
प्रयोगशाला उपकरण
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प्रयोगशाला में प्रभाजी आसवन सामान्य कांच के बर्तनों और उपकरणों का प्रयोग करता है, जिसमें सामान्यतः एक बुन्सेन बर्नर, एक गोलतल फ़्लास्क और एक संघनक, साथ ही प्रभाजी स्तम्भ अन्तर्गत होता है।
औद्योगिक आसवन
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प्रभाजी आसवन शिलारस शोधनागारों, शैल-रसायन और रासायनिक संयन्त्रों, प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण और क्रायोजेनिक वायु पृथक्करण संयंत्रों में प्रयोग की जाने वाली पृथक्करण तकनीक का सबसे सामान्य रूप है।[1][2]अधिकांशतः, आसवन निरन्तर स्थिर अवस्था में संचालित होता है।
सन्दर्भ
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- ↑ "Distillation Design", Wikipedia (in अंग्रेज़ी), 2021-03-17, retrieved 2023-03-11
- ↑ "Perry's Chemical Engineers' Handbook", Wikipedia (in अंग्रेज़ी), 2022-09-17, retrieved 2023-03-11