प्रधानमंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना (संक्षेप में - पीएमजेडीवाई) भारत में वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन है और जिसका उद्देश्य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है।[1] इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया।[2] इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को ई-मेल भेजा जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए बैंक खाता' को एक ‘राष्ट्रीय प्राथमिकता’ घोषित किया और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना में प्रवेश देने और उनका खाता खोलने के लिए सभी बैंकों को कमर कसने को कहा।[1]योजना के उद्घाटन के दिन ही 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए।[3]

लक्ष्य
[संपादित करें]पीएमजेडीवाई के अंतर्गत 6 स्तंभों के अंतर्गत व्यापक वित्तीय समावेश का लक्ष्य रखा गया है[2]-
प्रथम चरण (15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015)
[संपादित करें]- बैंकिंग सुविधाओं तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करना।
- जिन खातों से आधार कार्ड लिंक होगा उन्हें 6 महीने बाद रुपये 5000 की ओवरड्राफ्ट सुविधा और रुपे (RuPay) डेबिट कार्ड और रुपे किसान कार्ड में अंतर्निहित 1 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर के साथ सुविधा प्रदान करना। साथ ही 15 अगस्त 2014 से 26 जनवरी 2015 के अंतराल में खाता खुलवाने पर 30,000 रुपय का अतिरिक्त बीमा कवर भी दिया जाएगा
- वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम
द्वितीय चरण (15 अगस्त 2015 से 15 अगस्त 2018)
[संपादित करें]- ड्राफ्ट खातों में चूक कवर करने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना।
- सूक्ष्म बीमा
- स्वावलम्बन जैसी असंगठित क्षेत्र बीमा योजना।
इसके अतिरिक्त इस चरण में पर्वतीय, जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस चरण में परिवार के शेष वयस्क सदस्यों और विद्यार्थियों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कार्ययोजना
[संपादित करें]- औसतन 3-4 गांवों के 1000-1500 परिवारों वाले देश के सभी ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों को सब-सर्विस एरिया (एसएसए) में शामिल करने का प्रस्ताव है। इसमें पूर्वोत्तर/पर्वतीय राज्यों को छूट दी जाएगी।
- यह प्रस्ताव है कि अगले 3 वर्षों में प्रत्येक केंद्र की व्यवहार्यता को देखते हुए 2000 से अधिक आबादी वाले 74000 गांवों को स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत व्यापार प्रतिनिधियों द्वारा कवर किया जाएगा और ऐसे केंद्रों को पूर्ण शाखाओं के रूप में परिवर्तित करने पर विचार किया जाएगा जहां 1+1 / 1+2 कर्मचारी काम कर रहे हों।
- समूचे देश में सभी 6 लाख गांवों को सर्विस एरिया के साथ जोड़ा जाएगा, जिनमें प्रत्येक बैंक सब-सर्विस एरिया वाले 1000 से 1500 परिवारों की जरूरतें एक निश्चित बैंकिंग बिंदु से करेगा। यह प्रस्ताव है कि सब-सर्विस क्षेत्रों को बैंकिंग केंद्रों अर्थात् शाखा बैंकिंग और शाखा रहित बैंकिंग के जरिए कवर किया जाएगा। शाखा बैंकिंग का अर्थ है, ईंट गारे से बना परंपरागत शाखाएँ। शाखा रहित बैंकिंग के अंतर्गत एक नियत बिंदु व्यापार प्रतिनिधि एजेंट की सेवाएँ शामिल हैं जो बुनियादी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने के लिए बैंक के प्रतिनिधि के रूप में काम करेगा।
- प्रधानमंत्री जन धन योजना की कार्यान्वयन नीति यह है कि वर्तमान बैंकिंग ढांचे का उपयोग किया जाए और सभी परिवारों को कवर करने के लिए उसका विस्तार भी किया जाए। ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में अब तक कवर न हुए परिवारों के बैंक खाते खोलने के लिए मौजूदा बैंकिंग नेटवर्क को भली भांति तैयार किया जाएगा। विस्तार कार्य के अंतर्गत 50000 अतिरिक्त व्यापार प्रतिनिधियों की व्यवस्था, 7000 से अधिक शाखाओं और 20000 से अधिक नए एटीएम भी पहले चरण के दौरान स्थापित करने का प्रस्ताव है।
- यह देखा गया था कि सुप्त खातों पर बैंकों की लागत अधिक आती है और लाभार्थियों को कोई लाभ नहीं होता। इस तरह बड़ी संख्या में खोले गए खातों के सुप्त पड़े रहने के पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए व्यापक योजना अनिवार्य है।
- अतः नए कार्यक्रम में सभी सरकारी लाभों (केंद्र/राज्य/स्थानीय निकाय) को बैंकों के जरिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के तहत लाने का प्रस्ताव है। इसके अंतर्गत एलपीजी योजना में डीबीटी फिर शामिल की जाएगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित महात्मा गांधी नरेगा कार्यक्रम को भी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना में शामिल किए जाने की संभावना है।
- योजना के कार्यान्वयन में विभाग की सहायता के लिए एक परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता/समूह की सेवाएँ ली जाएंगी।
- यह भी प्रस्ताव है कि कार्यक्रम को दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर और प्रत्येक राज्य की राजधानी तथा सभी जिला मुख्यालयों में एक साथ शुरू किया जाए।
- कार्यक्रम की प्रगति की रिपोर्टिंग/निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल भी स्थापित किया जाएगा। विभिन्न पक्षों जैसे केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के विभागों, रिजर्व बैंक, नाबार्ड, एनपीसीआई और अन्य की भूमिकाओं को परिभाषित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों के व्यापार प्रतिनिधियों के रूप में ग्राम दल सेवकों की नियुक्ति का प्रस्ताव है।
- दूर संचार विभाग से अनुरोध किया गया है कि वह कनेक्टिविटी कम होने या न होने की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करे। उन्होंने सूचित किया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश के 5.93 लाख गांवों में से करीब 50000 दूर संचार सम्पर्क के अंतर्गत कवर नहीं किए गए हैं।
निष्पादन
[संपादित करें]28 अगस्त 2014 को योजना के उद्घाटन के दिन भारत भर में समस्त बैंकों द्वारा एक साथ लगभग 60,000 शिविर लगाए गए।[4] परिणामस्वरूप, योजना के पहले दिन ही 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए। प्रधानमंत्री ने इस अभूतपूर्व अवसर को भारत के लिए "वित्तीय स्वतंत्रता दिवस" बताया।[3] 2 अक्तूबर 2014 तक पीएमजेडीवाई में 5.29 करोड़ खाते खोले गए, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 3.12 करोड़ और शहरी क्षेत्र के 2.17 करोड़ खाते शामिल हैं। 1.78 करोड़ खातों में रुपे कार्ड जारी किया गया।[5] केन्द्र शासित प्रदेश पुदुचेरी और चंडीगढ़ तथा गुजरात के मेहसाणा और पोरबंदर जिलों में बैंकिंग सुविधाओं के प्रावधान के साथ समस्त परिवारों को पीएमजेडीवाई में शामिल किया गया।[5]17 जनवरी 2018 तक 30.97 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं जिनमें 73689.72 करोड रुपये की धनराशि जमा है ।
पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गये हैं और इन खातों में जमा राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।[6]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ "प्रधानमंत्री ने सभी बैंक अधिकारियों को ई-मेल भेजा". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 25 अगस्त 2014. Archived from the original on 3 सितंबर 2014. Retrieved 28 अगस्त 2014.
- ↑ अ आ "श्री नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जन धन योजना का शुभारंभ करेंगे". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 28 अगस्त 2014. Archived from the original on 3 सितंबर 2014. Retrieved 28 अगस्त 2014.
- ↑ अ आ "PM 'Jan Dhan' Yojana launched; aims to open 1.5 crore bank accounts on first day". द इकोनॉमिक टाईम्स. 28 अगस्त 2014. Archived from the original on 30 दिसंबर 2016. Retrieved 28 अगस्त 2014.
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(help) - ↑ "Government to boost financial inclusion through Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana". द इकोनॉमिक टाईम्स. 28 अगस्त 2014. Archived from the original on 27 अगस्त 2014. Retrieved 28 अगस्त 2014.
- ↑ अ आ "प्रधानमंत्री धन-जन योजना (पीएमजेडीवाई)". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 2 अक्टूबर 2014. Archived from the original on 11 अक्तूबर 2014. Retrieved 7 अक्टूबर 2014.
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(help) - ↑ "जन धन योजना ने बनाया रिकॉर्ड,पिछले नौ वर्षों में 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गये". Prabhat Khabar. 26 अगस्त 2023.