पोसवाल

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पोसवाल भारत, पाकिस्तान और अफ़्गानिस्तान में पाये जाने वाला एक गुर्जर गोत्र है।[1]

पद्मा पोसवाल सवाई भोज के साथ सती हुई थी। पोसवाल राजस्थान के दौसा अलवर भरतपुर सवाई माधोपुर जयपुर अजमेर भीलवाड़ा चित्तौड़गढ़ में मुख्य रूप से पाए जाते हैं। पोसवाल गुर्जरों के सबसे लोकप्रिय गोत्रों में से एक व सबसे महान गोत्रों में तीसरा है। बामनवास तहसील के अंत में डूंगर वाड़ा क्षेत्र में पोसवाल गोत्र के 12 गांव हैं जिनके पूरे समूह को "कोचर" के नाम से जाना जाता है वहीं डूंगर(पहाड) के नीचे की आंतरी के गांव अमावरा में भी बहुत अधिक संख्या में इस गोत्र के गुर्जर निवास करते हैं,अलवर जिले के प्रसिद्ध गाँव श्यालूता में गुर्जर गोत्र पोसवाल(5000 लोग लगभग) निवास करते हैं। श्यालुता गांव के पोसवाल लोकप्रिय, सेवाभावी लोग निवास करते है।दौसा जिले के सिकराय तहसील में फर्राशपुरा , गांवड़ी , जहांगीरिया, झींझण। महुआ तहसील में पीपलखेड़ा गांव, बसवा तहसील में टोडी गांव, इत्यादि, इत्यादि:- में पोसवाल निवास करते हैं। पोसवालों के सभी गांव राजस्थान के मुख्य लोकप्रिय गुर्जर गांवों में से एक हैं। (विजेन्द्र अमावरा पोसवाल)

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. कुलभूषण वारिकू, सुजित सोम (संपा॰). Gujjars of Jammu and Kashmir [जम्मू और कश्मीर के गुर्जर] (अंग्रेज़ी में). इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (मूल: मिशिगन यूनिवर्सिटी). पृ॰ 84.

[[श्रेणी:गुर्जर गोत्र पोसवाल गोत्र:- पोसवाल गोत्र का हाई कोर्ट डूंगरपट्टी कोचर है जो 12 ग्रामो का संयुक्त नाम है , इसके अलावा दौसा, अलवर, अजमेर, भीलवाड़ा, भरतपुर, करोली, सवाईमाधोपुर, टोंक जयपुर, धौलपुर सहित अनेको जिलो बहुतायत रूप से निवास करते हैं दौसा जिले में मुख्यत पीपलखेड़ा, गाँवडी, रेटा,जहांगिरिया, खवा, नारायणपुरा,मोरोली,सिंगवाड़ा ,सहित अनेको ग्रामपंचायतो में निवास करते हैं