पैगाँव

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पैगाँव मथुरा जिला की छाता तहसील का गांव है।

इतिहास[संपादित करें]

पैगाँव का इतिहास शताब्दियों पुराना है। हिन्दू विशेषज्ञों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने यहां के स्थानीय जनों से पै (दूध) मांगकर पीया था इस कारण इस गाँव का नाम संस्कृत में पैग्राम पड़ा जो समय अनुसार यहाँ की स्थानीय भाषा ब्रजभाषा में पैगाम कहा जाने लगा। वर्तमान समय में इस गाँव का नाम हिन्दी में पैगाँव लिखा जाता है।

भक्ति काल[संपादित करें]

प्राचीन काल में जब ब्रज में कई भक्त साधू संत ईश्वरीय आराधना में लगे हुए थे उस समय पैगाँव के चतुर्भुज भगवान मन्दिर में श्री चतुर चिन्तामणि देवाचार्य जी महाराज भी कृष्ण भक्ति में लीन रहते थे। माना जाता है कि एक बार उनकी जटाऐं (सिर के घने बाल) झाडियों में उलझ गए थे जिन्हें सुलझाने स्वयं भगवान श्री कृष्ण एवं माँ राधा देवी आए थे। श्री चतुर चिन्तामणि देवाचार्य जी महाराज को नागा बाबा एवं नागाजी भी कहते हैं। और वो पंडित घर से थे।नागा बाबा की बरसी पर आज भी पैगाँव में प्रत्येक वर्ष एक दिन का भंडारा एवं दो दिवसीय रास मेले का आयोजन होता है।

आधुनिक कृषि काल[संपादित करें]

पैगाँव क्षेत्रफल की दृष्टि से मथुरा जिले का सबसे बड़ा गाँव है इसलिए यहां सर्वाधिक कृषि होती है यहाँ कई किसान ऐसे हैं जो वर्षों से खेती बाढी करते आ रहे हैं। इस गाँव के सबसे बड़े किसान थे स्व• श्री ग्यासीराम जो एक आदर्श किसान थे। उन्होंने बहुत कम आयु से ही कृषि करना प्रारंभ कर दिया तथा गाँव में कृषि क्रांति लाने का श्रेय उन्हीं को मिलता है उनके पास स्वयं की ५२ बीघा जमीन थी उन्होंने हल बैलों से कृषि करना प्रारंभ किया और अपने जीवन के अन्त तक वो कृषि करते रहे। पैगाँव में जितने वर्षों तक उन्होने खेती बाढी की उतनी किसी अन्य ने नहीं की। वर्ष २००४ में लगभग ८१ वर्ष की आयु में उनका स्वर्गवास हो गया। आज भी बालू बाबा मन्दिर से कुछ दूरी पर नहर के पास उनका समाधि स्थल है। लोग आधुनिक समय में उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। ये पैगाँव के इतिहास पुरुषों में से एक हैं।

प्रमुख स्थान[संपादित करें]

  • श्री चतुर्भुज मन्दिर
  • श्री नागा बाबा चरण स्थल
  • बाबा ग्यासी राम समाधि स्थल
  • बालू बाबा मन्दिर
  • राषमंडल
  • खेरा बाज़ार
  • गोपाल कुंड
  • चतुर्भुज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
  • विद्युत गृह
  • सरकारी खाद-बीज गोदाम
  • सरकारी अस्पताल
  • जगन्नाथ बाबा मन्दिर
  • राधा रानी मन्दिर
  • सरकारी पशु चिकित्सालय
  • बाबा जाहरवीर मंदिर
  • जवाहर नवोदय विद्यालय
  • राधा गिरिधरी मंदिर
  • बी डी एम महाविद्यालय
  • हनुमान बगीची दो विसा